दुर्गम जंगल मे चोटी पर बसा गांव, शिवजी की जलधारा के कुंड का, पानी पी रहा गांव
प्राची अनामिका मिश्रा
कहते ईश्वरी कृपा से कुछ भी संभव हो सकता है ऐसा ही कुछ इस गांव में देखने मिल रहा है जहां दुर्गम जंगल के ऊपर यह गांव बसा हुआ है और गांव से ही महज सौ मीटर की दूरी पर जहां भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग और नन्दी विराजे हुए और वहीं चट्टान से जलधारा निकलकर कुंड में आती है जिस पानी को पूरे गांव के लोग पीने के पानी से लेकर कपड़े धुलने और मवेशियों के पीने के पानी का भी उपयोग करते हैं लेकिन यह खत्म नही होता है।
हम बात कर रहे हैं कटनी जिला के ग्राम खुसरा की जो रीठी तहसील में है और रीठी से 20 किमी की दूरी पर करीब 7 किमी जंगल के रास्ते ऊपर बसा हुआ है। जहां पर लोग इस पानी को शिवजी की जटा की गंगा जी जलधारा मानते हैं जहां पर दूर दूर तक जल स्त्रोतों का नाम नही है वही ठीक जंगल की चोटी में बसे हुए इस गांव से करीब सौ मीटर की दूरी पर यहां शिव जी का शिवलिंग और नन्दी महाराज विराजमान हैं और वहीं पर चट्टान से जलधारा रिसकर शिवलिंग का जलाभिषेक करती है। जो नीचे जाकर जल के कुंड में बदल जाती है, जब यहां पानी लेने आईं बुजुर्ग माताओं से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि यह कुंड प्राकृतिक है यहां पर साल के बारह पानी रिसकर (निकलता) आता है भीषण गर्मियों के दिनों में भले ही जंगल के नीचे बसे ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे की स्थिति निर्मित हो जाये किंतु कुंड के कभी नही सूखता है। जिसे हम सभी लोग शिव जी की कृपा मानते हैं , गांव में एक कुआं और हैंडपंप है लेकिन वह बारिश के कुछ दिनों बाद ही पानी देना बंद कर देते हैं लेकिन कुंड कभी नही खाली होता गर्मी के दिनों में पानी जरूर कम हो जाता है लेकिन पूरे गांव के लोगों को कुंड से ही जलापूर्ति होती है। यह कुंड कटनी जिले की दार्शनिक जगह में अंकित है फिर भी शासन की तरह से इसका संरक्षण नही किया जा रहा है जबकि यह बेहद ही अच्छा पिकनिक और दार्शनिक स्थल है जिसे देखने दूर दूर से लोग आते हैं। यह स्थान कब से है और कुंड एवं शिवलिंग कितना पुराना है किसी को प्रामाणिक जानकारी नही है जिसने भी देखा यही स्थिति में देखा और न ही संरक्षित करने के लिए प्रशासन की तरफ से यहां कोई इंतजाम कराए गए ग्रामीणों ने ही शिवलिंग और नन्दी के लिए मढियानुमा छोटा कमरा बना दिया है।
👉इसे चमत्कार ही मानें ?
इसे सभी लोग चमत्कार इसलिए मानते हैं क्योंकि यहां पर करीब 7 किमी की जंगल चढ़ाई चढ़ने के बाद जंगल की चोटी में गांव बसा है, चट्टान के आसपास या ऊपरी हिस्से में दूर दूर तक को ऐसा साधन नही है जहां से जल का रिसाव आता हो जो महज चट्टान से ही रिसकर निकलता है। जबकि पहाड़ी के नीचे बसे गांवों में गर्मी में भीषण जलसंकट पैदा हो जाता है, लेकिन पहाड़ी की चोटी के इस कुंड में भीषण गर्मी में भी कोई फर्क नही पड़ता है। जबकि गर्मी के दिनों में भी इस गांवों के लोगों को आवश्कता अनुसार पर्याप्त पानी इसी कुंड से मिलता है जिसका उपयोग यहां के लोग पीने, नहाने, कपड़े धुलने और मवेशियों तक के लिए करते हैं। वहीं पानी लेने आई महिलाओं ने बताया कि यहां का पानी गांव में बनाये जलस्रोतों की अपेक्षा स्वादिष्ट है इसलिए सालभर पीने के लिए यह पानी लेकर जाते हैं जो शिवजी की कृपा से गांव को मिल रहा है।
👉यहां से पहुंचे आप भी
कटनी जिले के रीठी तहसील से 20 किमी दूर खुसरा गांव तक पहुंचने के लिए सलैया स्टेशन के करीब बकलेहटा गांव से जंगल के रास्ते कच्ची मुरम की रास्ते करीब 7 किमी चलने पर आप खुसरा गांव पहुंचेंगे, जहां पर आपको शिवजी के दर्शन और यह जलधारा का कुंड भी मिलेगा। यहां बहोरीबंद बाकल होकर भी सलैया स्टेशन होकर बकलेहटा से खुसरा गांव पहुंच सकते हैं।