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मध्य प्रदेश के 50 प्रतिशत सरकारी नर्सिंग कॉलेज सीबीआई जांच में अनफिट

आनन फानन में सरकार ने बदले नियम, नए नियमों में 23 हज़ार के स्थान पर मात्र 8 हज़ार वृगफ़िट भवन का किया प्रावधान

NEWS INVESTIGATION / VILOK PATHAK

The NI / 51/  प्रदेश में हुए बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े में हाइकोर्ट ने उन सभी 308 नर्सिंग कॉलेज की सूची जारी की है जिनकी सीबीआई द्वारा जांच की गई थी 308 नर्सिंग कॉलेजों के नाम के सम्मुख सूटेबल, डिफिशिएंट और अनसूटेबल की कैटेगरी भी दर्शाई गई है , सीबीआई की इस रिपोर्ट के बाद मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित नर्सिंग कॉलेज भी मानको में सही साबित नहीं हुए हैं, सीबीआई रिपोर्ट से यह भी साबित हो गया है की मध्य प्रदेश में 308 नर्सिंग कॉलेज में से मात्र 169 नर्सिंग कॉलेज ही मानकों के अनुसार चल रहे थे । इसके अलावा सरकार ने हाई कोर्ट से सत्र 2024-25 की मान्यता की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगी थी कोर्ट ने वह भी अनुमति सरकार को दी है । सीबीआई रिपोर्ट में सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की सच्चाई बाहर आते ही सरकार ने आनन फानन में कल ही नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता के नियमों में संशोधन करते हुए 2024 के नए नियम बना दिए हैं जिसके अनुसार अब पहले जिस नर्सिंग कॉलेज को खोलने के लिए 23000 वर्गफीट की बिल्डिंग की आवश्यकता होती थी अब इस नर्सिंग कॉलेज को खोलने के लिए 8000 वर्ग फीट बिल्डिंग की आवश्यकता होगी, सरकार ने ये नियम नर्सिंग पाठ्यक्रमों को रेगुलेट करने वाली अपेक्स संस्था इंडियन नर्सिंग काउंसिल के प्रावधानों के भी विपरीत बनाये है । जिसके फलस्वरूप पिछले 2 सालों की कड़ी मशक्कत के बाद और सीबीआई जांच के बाद जो कॉलेज गड़बड़ पाए गए थे और बंद किए जा रहे हैं वे सरकार के नए नियमों के बाद अगले सत्र में नए सिरे से फिर मान्यता पाने में अब सफल हो जाएंगे । हालांकि याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट असोशियेशन के विशाल बघेल ने इन नियमों को भी हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है लेकिन सरकार के इस कदम से एक बात साफ है कि सरकार अपात्र नर्सिंग कॉलेजों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है|

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