वर-वधू के गुण मिलान का विषय बहुत ही महत्वपूर्ण है ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि गुण मिलान से पहले हमें निम्न बातों का भी ध्यान रख लेना चाहिए……
- सबसे पहले वर और वधु का आयु मिलान देखना चाहिए.!
- दोनों की कुंडली में अशुभ दोषों और शुभ योगों की संख्या देखनी चाहिए।
- वर की कुंडली में आर्थिक क्षमता का आकलन जरूर करें कि वह एक परिवार का भरण पोषण कर सकता है या नहीं क्योंकि यही चीज आगे जाकर विवाद का कारण बनती है।
- गुण मिलान से पहले दोनों में संतान उत्पत्ति की क्षमता का आकलन करें और उसे संबंधित भावों और ग्रहों का अध्ययन करके किसी निष्कर्ष पर पहुंचा.!
- कुंडली में स्थित ग्रहों का आकलन संपूर्ण रूप से करें कि दोनों में सामाजिक अचार विचार की क्षमता मैं एकरूपता है या नहीं।
- लग्न भाव सप्तम भाव सप्तमेश अष्टम भाव का पूरी गहराई से अध्ययन करें।
- शुक्र चंद्र और गुरु की स्थिति का अध्ययन करे सप्तम भाव और लग्न भाव में शनि और मंगल की स्थिति का भी अध्ययन जरूर करें…….
यदि कुंडली में यह स्थितियां शुभ है तभी गुण मिलान की तरफ बढ़े यदि ऐसा करते हैं तो वर और वधु का दांपत्य जीवन खुशी समृद्धि से भरपूर होगा.!!