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पीड़ित परिवार का आरोप- डीएम ने कहा, पोस्टमॉर्टम के बाद डेडबॉडी का क्या होता है, पता है?

पीड़िता की मां और भाभी की एक ही मांग है कि उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए

हाथरस, हाथरस में प्रशासन ने आखिरकार मीडिया को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी है. आजतक पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच गया है. पीड़िता की भाभी ने आजतक से बातचीत में कई खुलासे किए हैं. पीड़िता की भाभी ने कहा है कि एसआईटी की टीम परसों उनके घर आई थी और उनसे पूछताछ की थी. पीड़िता के परिवार ने कहा है कि जिले डीएम ने उनसे अभद्रता से बात की. उन्होंने कहा, “डीएम ने कहा कि अगर तुम्हारी बेटी की कोरोना से मौत हो जाती तो तुम्हें मुआवजा मिल जाता.” पीड़िता के परिवार ने कहा कि एसआईटी भी मिली है. उन्हें भरोसा नहीं है

पता नहीं पुलिस ने रात में किसका शव जलाया
पीड़िता की मां और भाभी की एक ही मांग है कि उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए. पीड़िता की मां ने कहा है कि वे अपनी बेटी को आखिरी वक्त में मिट्टी भी नहीं दे सकी. उनका चेहरा भी नहीं देख सकी. पीड़िता की भाभी ने तो यहां तक कहा कि उस रात को उनकी ननद का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था. हमें नहीं पता पुलिस ने किसका शव जलाया है.

पोस्टमॉर्टम के बाद डेडबॉडी का क्या होता है, पता है?
पीड़िता की भाभी ने डीएम पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने बॉडी देखने की मांग की तो डीएम ने कहा कि आपको पता है पोस्टमॉर्टम के बाद डेड बॉडी का क्या हाल हो जाता है, हथौड़े से मारकर हड्डियां तोड़ दी जाती है. ऐसी लाश को तुमलोग देख पाते. 10 दिन तक खाना नहीं खा पाते. पीड़िता की भाभी ने कहा कि डीएम उन्हें बार बार कह रहे थे कि तुम्हें मुआवजा तो मिल गया. तुम्हारे खाते में कितना पैसा आया है, तुम्हें पता है?

नहीं करवाएंगे नार्को टेस्ट
पीड़िता की भाभी ने कहा कि उन्हें बाहर नहीं दिया जा रहा था क्योंकि उन्हें डर था कि वे लोग सच्चाई मीडिया को न बता दें. पीड़िता की भाभी इस वक्त बेहद परेशान हैं. उन्होंने कहा कि उनका परिवार नार्को टेस्ट नहीं करवाएगा. नार्को टेस्ट डीएम का करवाना चाहिए. उन्होंने सीबीआई जांच की मांग से भी इनकार किया.

राजनीति के लिए आ रही पार्टियां
पीड़िता की भाभी ने कहा कि जो लोग यहां रहे हैं राजनीति के लिए आ रहे हैं. लोग चाहते हैं कि ये सरकार गिर जाए तो दूसरी सरकार बना लें, लेकिन हमें राजनीति से कोई मतलब नहीं है. हम इंसाफ चाहते हैं, न्याय चाहते हैं.

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