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जबलपुर कलेक्टर ने रचा इतिहास… शिक्षा माफियाओं का गिरोह, जिसमें स्कूल संचालक, प्राचार्य एवं पुस्तक विक्रेता शामिल हैं, को पहुंचा दिया सलाखों के पीछे…

On the instructions of the Collector, a criminal case has been registered against 11 schools and 20 people including their directors, principals and book publishers have been arrested.

न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन / विलोक पाठक 

The NI /  कलेक्टर के निर्देश पर 11 स्कूल के खिलाफ आपराधिक मामला कायम कर उनके संचालकों प्राचार्य व पुस्तकों के प्रकाशक सहित 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इन 11 निजी स्कूलों में 54 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सोमवार को सुबह क्राइम ब्रांच की टीम ने इनमें से 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है एवं बाकी फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस ने 420, 471, 120 सहित विभिन्न धाराओ में मामला दर्ज कर लिया है। कलेक्टर ने अनुमानित 240 करोड रुपये की लूट का खुलासा किया है। लंबे समय से शिकायतें होती आ रही थीं। जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जांच में पाया कि अभी तक स्कूलों ने 81 करोड़ 30 लाख रुपए अतिरिक्त फीस के तहत वसूले हैं। यह वसूली 21 हजार से ज्यादा छात्रों से हुई है। कलेक्टर के मुताबिक अनुमानित 1,037 निजी स्कूल में जांच की गई। इसमें 7 लाख बच्चों से करीब 240 करोड़ रुपए की अनुमानित अतिरिक्त फीस वसूली की गई है। प्रकाशकों और स्कूल संचालकों के बीच जमकर कमीशन खोरी की गई जिसमें हर साल किताबों के सेट बदलने से लेकर फीस वृद्धि शामिल है। पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने जाँच में सहयोग के साथ इस करवाई को करने  हेतु पुलिस टीम को निर्देशित किया जिहोने विभिन्न थाना क्षेत्रो से आरोपियों को गिरफ्तार किया ।

माफियाओं के सिस्टम में मची खलबली

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव तक शिकायत पहुंचने और उनके द्वारा कलेक्टर को फ्री हैण्ड देने के बाद निजी स्कूलों द्वारा की जा रही इस डकैती में शामिल संगठित गिरोह में खलबली मच गई है। संगठित गिरोह शब्द इसीलिए क्योंकि यह सर्व विदित है कि बिना सपोर्ट ये इतना बड़ा मायाजाल नहीं फैला सकते। इन माफियाओं के संरक्षण में कई शामिल हो सकते है। किसी भी शिकायत पर खुलेआम चुनौती देना एवं आम नागरिक को कीड़े मकोड़े समझना इन स्कूल संचालको के लिए आम बात थी। अभिभावक पिछले कई बार से इनकी शिकायत करते रहे परन्तु उस पर कार्यवाही नहीं होना यह इस बात का संकेत है कि उनके नेक्सस में कुछ लोग शामिल हो सकते हैं, चाहे वह कोई भी तंत्र हो। क्या यह जांच पूर्व में नहीं हो सकती थी। यह वे ही विभाग है जो अब जांच कर रहे हैं पहले कर लेते तो शायद इतनी बड़ी डकैती ना होती।

आसान नहीं था इन पर हाथ डालना

इनके स्कूलों में हर विधा से जुड़े रसूखदारों के बच्चे पढ़ते है, फिर चाहे वो विधायिका हो, कार्यपालिका हो, न्यायपालिका हो या मिडिया की क्रीमी लेयर…।  भला हो वर्तमान कलेक्टर साहब का और उनकी दबंग कार्यशैली का जो उन्होंने उन्हीं विभागों की मदद से इतना सख्त कदम उठाया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पीड़ित अभिभावक ऐसी कार्रवाई करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के पास बरसों से शिकायत करते रहे परंतु जिला शिक्षा अधिकारी ने इन पर कार्रवाई करने का तो छोड़ो संज्ञान तक नहीं लिया। इसके दो कारण हो सकते हैं या तो जिला शिक्षा अधिकारी अपने कर्तव्य के प्रति सक्षम नहीं है या फिर उन्होंने कर्तव्य के प्रति लापरवाही की है।

कार्यवाही में पारदर्शिता 

शिकायतों पर कार्यवाही करने के दौरान कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शुरू से ही पारदर्शिता रखी। उन्होंने शिकायतों पर हो रही सुनवाई से लेकर कार्यवाही तक मिडिया को अपडेट दिया। आज की गयी प्रेस ब्रीफिंग का फेसबुक के माध्यम से सीधा प्रसारण हुआ ।

इन स्कूल संचालकों- प्राचार्यों के खिलाफ की गई कार्रवाई 

क्रांइस्टचर्च स्कूल- चेयरमेन-आरटी रेव्ह. अजय कुमार जेम्स क्राइस्टचर्च स्कूल को एड, सालीवाड़ा- मैनेजर – दी रेव्ह. एस निलेश सिंह, क्राइस्टचर्च स्कूल को एड, सालीवाड़ा- प्रिंसिपल मिस्टर जोसेफ क्राईस्टचर्च ब्वॉज एंड गर्ल्स स्कूल – आईसीएससी- प्राचार्य – श्री थाजी थॉमस स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल प्राचार्य – मनमीत कोहली क्राईस्टचर्च ब्वॉज एंड गर्ल्स स्कूल – आईसीएससी-मैनेजर- श्रीमती एमएल साठे श्री चैतन्य टेक्ना स्कूल, धनवंतरीनगर- एडवाइजर- सीएस विश्वकर्मा सेंटर अलॉयसियस स्कूल, पोलीपाथर प्रिंसिपल, सेकेट्री – सोमा ग्रोवर ज्ञान गंगा आर्किड स्कूल, प्राचार्य – श्रीमती दिपाली तिवारी लिटिल वर्ल्ड स्कूल, सीईओ- श्रीमती चित्रांगी अय्यर लिटिल वर्ल्ड स्कूल, मैनेजर – सुबोध नेमा लिटिल वर्ल्ड स्कूल, प्राचार्य श्रीमती परिधि भार्गव क्राईस्टचर्च ब्वॉज सीनियर सेकेंडरी स्कूल – सदस्य – अतुल अनुपम इब्राहिम क्राईस्टचर्च ब्वॉज सीनियर सेकेंडरी स्कूल – सदस्य – श्रीमती एकता पीटर क्राईस्टचर्च जबलपुर डायसेशन स्कूल मैनेजर – ललित सोलोमन

  स्टेशनर्स पर भी गिरी गाज

चिल्ड्रन बुक हाउस नौदरा पुल- प्रोपराइटर- सूर्यप्रकाश वर्मा  चिल्ड्रन बुक हाउस नौदरा पुल- संचालक- शशांक श्रीवास्तव न्यू राधिका बुक पैलेस विजय नगर- प्रोपराइटर आलोक इंदुरख्या न्यू राधिका बुक पैलेस विजय नगर – प्रोपराइटर श्रीराम इंदुरख्या

बहरहाल जो भी हो परंतु जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जो कार्य किया है वह कोई फिल्मी सीन नहीं हकीकत है। उन्होंने रसूखदार शिक्षा माफियाओं के खिलाफ एक्शन लेकर उन्हें सलाखों में पहुंचा दिया। कलेक्टर के इस ऐतिहासिक कदम के बाद देश के हर कलेक्टर को इन से प्रेरणा लेना चाहिए। फिलहाल कलेक्टर की कार्यवाही की लोकप्रियता इतनी है की प्रदेश की आम जनता कह उठी है……….. वाह कलेक्टर साहब

 

 

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