बारिश बन्द होने पर भी पॉश कॉलोनियां डूबी, पहुंची पार्षद
न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन / सिहोरा/ बारिश से शहर में पानी-पानी हो गया। दो दर्जन से अधिक कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। निचली कालोनियों की गलियों में बाढ़ जैसे हालात नजर आए। बारिश का पानी लोगों के घरों में घुटनों तक भर गया। कालोनीवासियों ने पार्षद गौरा बाई को सूचना दी जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पार्षद ने जलभराव को देखा और पानी उतरने के बाद रोड में मुरम बिछाकर ऊंची करने की बात कही और बाह्य नाले की सफाई का भी आस्वासन दिया। लोगों की राशन सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक सामान खराब हो गए। गलियों में बारिश व नाला- नालियों के पानी ने बाढ़ का रूप ले लिया। तेज बहाव के साथ पानी लोगों के घरों में घुस गया। घुटनों तक पानी जमा हो जाने के बाद लोगों का काफी नुकसान हुआ।
कलोनी में बाह्य नाला के पास दर्जनों मकानों में नालों-नालियों का गंदा पानी लोगों के मकानों में भर गया।
कॉलोनी में पानी भरने से हालात बेकाबू दिखे। स्थानीय लोगों ने बताया कि कॉलोनी का पानी बाह्य नाले की तरफ नहीं जा पा रहा है, उल्टा ही पुलिया की वजह से नाले का पानी कलोनी में पलट रहा है इससे समस्या बन रही है।
पालीवाल कलोनी के कई घरों में पानी के कारण लोगों के घरों में काफी मुसीबते हो रही हैं वहीं छोटे बच्चों को स्कूल जाने में भी दिक्कत हो रही है साथ ही बच्चों के डूबने का भी खतरा बना हुआ है।
➡️इन कलोनी में जल भराव
बारिश रुकने के बाद भी सिहोरा खितौला की पालीवाल कलोनी, एवन सिटी की प्लाटिंग,मझौली बायपास की कलोनियो जैसी पॉश कॉलोनियां भी अछूती नहीं रहीं। जलभराव से लोगों को खासी दिक्कतें हो रही है।
लो लाइन एरिया के तीन से चार वार्डों में जगह-जगह जल भराव की स्थिति बनी थी। जहां जल भराव हुआ उन जगहों को चिंहित कर निराकरण करने की स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं।
➡️जिम्मेदारों की लापरवाही बनी मुसीबत
पिछले सीजन की तुलना में सिहोरा खितौला नगर में जल भराव की स्थिति में सुधार कोई भी नही हुआ है। उल्टे ही बाह्य नाला में पुलिया बनाकर एवन सिटी को पारस कलोनी से जोड़ा गया, जिसकी पुलिया को हटाने की कार्यवाही तब की गई जब लोगों के घर डूबने की कगार पर हो गए, बारिश रुकने के बाद भी एवन सिटी और पालीवाल कलोनी साथ ही पारस कलोनी में पानी घुसा हुआ है जिसकी वजह नाले में पुलिया को सही ढंग नही हटाने के कारण जल भराव की स्थिति बनी हुई है, यदि नगरपालिका सिहोरा के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा पुलिया हटाने की कार्यवाही पहले कर ली जाती तो संभवतः यह स्थिति नही बनती।
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