नकली कागज बना देश भर में बेचे 1800 खाते, पुलिस के शिकंजे में फंसे आरोपी
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भोपाल मध्य प्रदेश की भोपाल पुलिस ने ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो फर्जी अकाउंट खुलवाकर ठगों को बेच देते थे। इन फर्जी अकाउंट जिसके अंदर ठगी का करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। पुलिस ने इस पूरे मामले में बिहार के 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी की उम्र 20 से 25 साल के बीच है, इनकी शिक्षा की बात की जाये तो ये सातों आरोपी चौथी से 12वीं तक पढ़े हुए है।
भोपाल की हनुमानगंज पुलिस ने आरोपियों को इब्राहिम गंज से गिरफ्तार किया है। सातों आरोपी बिहार के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। आरोपी आधार कार्ड पर फोटो एडिट कर बैंक अकाउंट खुलवाते थे, इसके अलावा फर्जी आधार कार्ड से सिम भी टेलीकॉम कंपनी से हासिल कर लेते थे। आरोपी जो आधार कार्ड डिलेवर नहीं हो पाते थे डाक द्वारा उनको हासिल कर उसमें फोटो बदल देते थे। यह फोटो गिरोह के ही किसी सदस्य का लगाते थे जिससे बैंक अकाउंट खुलने में दिक्कत ना आए। आरोपियों ने फर्जी कॉल सेंटर भी किराए के मकान में बना रखा था।
,आरोपी एक शहर में दो महीने रहते
आरोपी एक शहर में दो महीने से ज्यादा नहीं टिकते थे। अब तक आरोपियों ने पांच शहर बदले हैं. जिसके अंदर मुंबई,लखनऊ, अहमदाबाद, भोपाल, इंदौर में आरोपी रह चुके हैं। आरोपी अलग-अलग शहरों में पहुंचकर फर्जी आधार कार्ड के जरिए बैंक अकाउंट खुलवाते थे और फिर थोड़े दिन बाद वहां से अपना ठिकाना बदलकर दूसरे शहर पहुंच जाते थे। ठगी के लिए भोपाल से भी ये आरोपी ठिकाना बदलने की तैयारी कर रहे थे। क्योंकि आरोपी पिछले डेढ़ महीने से भोपाल में ही डेरा डाले हुए थे।
◆ 10 हजार रुपए में बेचते थे फर्जी अकाउंट
आरोपी एक अकाउंट को फर्जीवाड़ा करने वाले जालसाज को 10 हजार में बेच देते थे। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है की अबतक वो देश के अलग-अलग इलाकों में करीब 1800 अकाउंट खुलवाकर बेच चुके हैं। जिसके अंदर ठगी के करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। आरोपियों की बात की जाए तो वो बिहार के पटना के आसपास के जिलों के रहने वाले हैं और उनकी उम्र 20 से 25 साल है और शिक्षा चौथी से 12वीं तक कि आरोपी पढ़े हुए हैं।
डिलेवर नहीं होने वाले आधार कार्ड आरोपियों के पास कैसे पहुंचते थे, इस मामले में पुलिस आरोपियों से जल्द पूछताछ करेगी। क्या इसके अंदर डाकघर का कोई कर्मचारी शामिल है, इसके अलावा बैंक कर्मचारी अगर इसके अंदर इंवॉल्व होंगे तो उनसे भी पुलिस पूछताछ करेगी।
गिरोह के सदस्यों के नाम और किसके पास क्या रहती थी जिम्मेदारी
◆ शशिकांत कुमार उर्फ मनीष पिता सतीश प्रसाद उम्र 26 साल निवासी ग्राम पचेतन थाना स्थावा जिला नालंदा बिहार 12वी पास सरगना फर्जी आधार एवं पेन कार्ड तैयार करना खातों को आगे बेचना
◆ सपना उर्फ साधना पिता अनुजा पान (ताती) उम्र 21 साल निवासी खेमनीचक थाना हनुमाननगर पटना बिहार 12वी पास फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना
◆ अंकित कुमार साहू उर्फ सुनील पिता राजू साहू उम्र 20 साल निवासी मोदनगंज थाना घोसी जिला जहानाबाद बिहार 12वी पास फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना
◆ कौशल माली उर्फ पंकज पिता आनंदी भगत उम्र 19 साल निवासी ग्राम मोदनगंज थाना घोसी जिला जहानाबाद बिहार 10 वी पास फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना
◆ रोशन कुमार पिता गरिबन साव उम्र 20 साल निवासी चुटकिया बाजार थाना मसलामी जिला पटना बिहार 10 वी पास फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना
◆ रंजन कुमार उर्फ विनोद पिता मुन्ना साव उम्र 19 साल निवासी ग्राम छोटी मंदिर माधवमिल थाना मसलामी जिला पटना बिहार 5 वी पास फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना
◆ मोहम्मद टीटू उर्फ विजय पिता मोहम्मद मोईन उम्र 18 साल निवासी गुलजार बाग थाना मेंहदीगंज जिला पटना बिहार 4 वी पास फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना.
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