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केन्द्र की कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया के खिलाफ झारखंड सरकार ने SC पहुंची, जानें क्या है राज्य सरकार की दलील

केन्द्र सरकार की कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू करने के फैसले के खिलाफ झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

झारखंड के एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने कहा कि राज्य सरकार ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत में एक रिट याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि जिन कोयला ब्लॉक की नीलामी होनी है उनमें से कुछ झारखंड में हैं। केन्द्र सरकार के कोयला खदानों की नीलामी के इस फैसले से कोरोना काल में राज्य को कोई लाभ नहीं मिलेगा।

रंजन ने कहा कि इससे राज्य को नुकसान होगा क्योंकि बाजार मूल्य नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि नीलमी से पहले एक विशाल जनजातीय आबादी और जंगलों पर प्रतिकूल प्रभाव के जरूरी कोई मूल्यांकन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि निर्णय में सभी पहलुओं को कवर करने के लिए एक विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है।

आपको बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला खदानों की नीलामी शुरू की थी और भारत के लिए आयात कम करके ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के अपने आह्वान को दोहराया था।

दुनिया में कोयला भंडार के मामले में भारत चौथा सबसे बड़ा देश है। वहीं कोयला उत्पादन और आयात  के मामले में दूसरे नंबर पर आता है।

केन्द्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत की श्रृंखला में कमर्शियल कोल माइनिंग की घोषणा की थी। इससे निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो अधिक उत्पादन और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा।

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