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Lunar Eclipse 2020 Date&Timing: इस दिन लगेगा चंद्रग्रहण, जानें समय और इससे जुड़ी सभी बातें

नई दिल्ली: 5 जुलाई को चंद्रग्रहण लगने वाला है. इससे पहले जनवरी में चंद्रग्रहण लगा था, जबकि 21 जून को सूर्यग्रहण लगा था. इस दिन गुरु पुर्णिमा भी मनाई जाएगी. 5 जुलाई को लगने वाला ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. उपछाया होने के कारण 5 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इस चंद्र ग्रहण से पूर्व लगने वाला सूतक काल मान्य नहीं होगा. हिन्दु धर्म में चन्द्रग्रहण एक धार्मिक घटना है जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है. जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से देखे नहीं जाते उनका धार्मिक महत्व नहीं होता है. सिर्फ उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण नग्न आंखों से देखे नहीं जाते इसीलिए उनका पञ्चाङ्ग में समावेश नहीं होता है और कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है. केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण, जो कि नग्न आंखों से देखे जाते हैं, इनका धार्मिक कर्मकांड़ों में विशेष महत्व होता है.

क्या होता है उपछाया
उपछाया चन्द्रग्रहण के दौरान सूरज और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी घूमते हुए आती है, तो यह तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते हैं. इस स्थिति में चंद्रमा की छोटी सी सतह पर ‘अंब्र’ नहीं पड़ती है. ‘अंब्र’ पृथ्वी के बीच से पड़ने वाली छाया को कहा जाता है. चंद्रमा के शेष हिस्से में पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है. इस कारण ही इसे उपछाया कहा जाता है.

चंद्र ग्रहण का समय

चंद्र ग्रहण आरंभ: 08:38 सुबह
परमग्रास चन्द्र ग्रहण: 09:59 सुबह
चंद्र ग्रहण समाप्त: 11:21 सुबह
ग्रहण अवधि: 02 घण्टे 43 मिनट 24 सेकेंड

इन देशों में दिखेगा चंद्र ग्रहण

5 जुलाई को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखने के बजाय दक्षिण एशिया के कुछ स्थान, अमेरिका, यूरोप और अस्ट्रेलिया में दिखाई देगा. इस ग्रहण का कुल समय तकरीबन पौने तीन घंटे कहा जा रहा है.  यदि चन्द्रग्रहण आपके शहर में दर्शनीय नहीं हो परन्तु दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है. लेकिन यदि मौसम की वजह से चन्द्रग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता है और ग्रहण से सम्बन्धित सभी सावधानियों का पालन किया जाता है.

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