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गर्भवती हथिनी की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट का केन्द्र और केरल समेत 12 राज्यों को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने केरल के मल्लपुर जिले के एक गांव में गर्भवती हथिनी की निर्मम मौत के मामले में केंद्र सरकार और केरल सहित 13 राज्यों से शुक्रवार को जवाब तलब किया। कोर्ट ने केन्द्र और 13 राज्यों को जंगली जानवरों को भगाने के लिए विस्फोटकों आदि के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए निर्देश देने की याचिका पर नोटिस जारी किया।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने शुभम अवस्थी की याचिका की वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, केरल सरकार और 12 अन्य प्रतिवादी राज्यों को नोटिस जारी किये। प्रतिवादी राज्यों में केरल के अलावा, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, कनार्टक, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड विवेक नारायण शर्मा की ओर से दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने मामले की जांच अदालत की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने के निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि केरल में ऐसी घटना पहले भी घटती रही है। मौजूदा मामले में जिस तरह गर्भवती हथिनी की पटाखे से भरे अनानास खिलाकर निर्मम हत्या की गई, वह भयानक, दुखद, क्रूर और अमानवीय कृत्य है और शीर्ष अदालत को इसमें दखल देना चाहिए।

याचिकाकर्ता ने इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने तथा संबंधित राज्यों में ‘फॉरेस्ट फोसेर्ज’ की रिक्तियों को भरने के निर्देश देने की शीर्ष अदालत से मांग की है। याचिकाकर्ता ने ऐसे मामलों में अपराधियों को अधिक से अधिक सजा दिलाने के लिए ‘जानवरों के खिलाफ क्रूरता निरोधक अधिनियम, 1960’ में आवश्यक संशोधन करने का भी न्यायालय से अनुरोध किया है। गौरतलब है कि गत 27 मई को एक भूखी गर्भवती हथिनी को अनानास में पटाखे लगाकर खिला दिया गया था, जिसके कारण हथिनी की मौत हो गई थी।

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