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सख्त लॉकडाउन के बावजूद, इन 4 गलतियों की वजह से देश में बढ़े कोरोना मरीज

भारत में कोरोना संक्रमण (Coronavirus in India) के केस बढ़कर अब 10 लाख से भी ज्यादा हो चुके हैं और संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी 25 हजार से ज्यादा हो गयी है। देश में 5 लाख से 10 लाख केस पहुंचने में 20 दिन लगे। भारत में सिर्फ 3 दिन में एक लाख नए संक्रमित मिले हैं। भारत में आज से 5 महीने और 16 दिन पहले 30 जनवरी को कोरोना का पहला मरीज सामने आया था। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के डेटा के हिसाब से कोरोना वायरस को रोकने के लिए देश में दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन भी लगा था।

भारत में लगा सबसे सख्त लॉकडाउन

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों की स्टडी करने के लिए ऑक्सफोर्ड कोविड-19 गवर्नमेंट रिस्पॉन्स ट्रैकर बनाया है। इस ट्रैकर में 17 अलग-अलग पहलुओं के आधार पर रेटिंग की गई थी। इसके मुताबिक, भारत में जितना सख्त लॉकडाउन लागू किया था, उतनी सख्ती दुनिया के किसी देश में नहीं दिखाई गई।

लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया लॉकडाउन में ढील मिली और कोरोना ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सबसे पहले 22 मार्च को एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया गया। उसके बाद 25 मार्च से देश में पूरी तरह से लॉकडाउन लग गया। देश में दो महीने में चार बार लॉकडाउन लगाया गया।

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