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लंदन के प्रोफेसर ने कहा- दिल्ली में ख़त्म हो रही पहली लहर, दूसरी लहर भी आएगी, लेकिन…

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona Virus) की तेज लहर ने दिल्ली को खासा प्रभावित किया. बाद में नए मामलों के ग्राफ में कुछ गिरावट देखी जा रही है, इससे ऐसा लगता है कि पहली लहर खत्म हो रही है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वेलकम ट्रस्ट सेंटर फॉर न्यूरोइमेजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजी के साइंटिफिक डायरेक्टर प्रो. कार्ल जे. फ्रिस्टन ने कहा है, दिल्ली में दूसरी लहर, पहली लहर कि जितनी खतरनाक नहीं होगी. यह आकार में 10 में से चौथाई होगी.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, गांधीनगर द्वारा आयोजित कोविड-19 मॉडलिंग वेबिनार सीरीज में बोलते हुए, फ्रिस्टन ने अपने गणितीय मॉडल का हवाला दिया. उन्होंने कहा, “हमें दूसरी लहर के बारे में बहुत अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है. सिमुलेशन से पता चलता है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर, पहली लहर जितनी बड़ी नहीं होगी.” उन्होंने कहा कि उनकी राय में मुख्य चिंता यह है कि दूसरी लहर सर्दियों में उत्तरी गोलार्ध में आ सकती है और यह मौसमी इन्फ्लूएंजा के साथ आ सकती है.

गणितीय मॉडल को लेकर कि महामारी कब खत्म होगी या किसी विशेष देश में धीमी होगी, इसके जबाव में फ्रिस्टन ने कहा कि कुछ देशों में पहली लहर का समय निश्चित रहा लेकिन दूसरी लहर के लिए यह 6 महीने का हो सकता है. जैसे यूके, स्पेन और इटली. उन्होंने आगे कहा, “लेकिन यह ब्राजील, अमेरिका और भारत के लिए अधिक लंबा है, जिसका अर्थ है कि यहां इसका अंत कई महीनों में या एक साल के बाद हो सकता है.”

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