शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार के फिर अटकने के आसार, आखिर क्यों, यहां पढ़ें
भोपाल । मध्यप्रदेश में राजभवन परिसर में रहने वाले छह लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसके बाद से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित दूसरे विस्तार के अटकने के आसार नजर आने लगे हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को शपथ ली थी और उसके बाद पहले मंत्रिमंडल गठन में एक माह का वक्त लग गया था। सियासी खींचतान के चलते सिर्फ पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। इन पांच मंत्रियों में दो, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं।
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी और उसके बाद 22 तत्कालीन विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे। इस बदले राजनीतिक घटनाक्रम के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दल के नेता के तौर पर शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं जोरों पर हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया से नाता रखने वाले 8 से 10 लोगों को शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का वादा भाजपा की ओर से किया गया है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं घोषणा की थी कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्दी होगा और संभावना भी यह जताई जा रही थी कि लॉकडाउन चार की अवधि 31 मई को खत्म हो रही है और उसके बाद कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार संभव है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया भी एक जून को भोपाल आने वाले हैं, इसलिए भी इस बात को बल मिला।
एक तरफ जहां मंत्रिमंडल विस्तार की चचार्एं जोरों पर है वहीं राजभवन परिसर में निवास करने वाले छह लोगों के कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आई है और कर्मचारियों के आवासीय क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है।
कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए कदमों का ब्यौरा देते हुए राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे ने बताया कि कर्मचारियों के आवास को कंटेनमेंट क्षेत्र एवं विशेष क्षेत्रों के लिए वर्गीकृत व्यवस्था की गई है। राजभवन के गेट नंबर एक और 3 को पूर्णता सील किया गया है, वहीं कर्मचारियों के परिवारों को 3 दिन तक बाहर नहीं निकलने को कहा गया है।
सूत्रों का कहना है कि इन स्थितियों में राजभवन में किसी भी समारोह का आयोजन संभव प्रतीत नहीं हो रहा। इसके चलते मंत्रिमंडल विस्तार का समारोह भी हो सकेगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटेरिया का कहना है कि राज्य में कोरोना संक्रमण का मंत्रिमंडल विस्तार पर असर पड़ा है, ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार के सामने संकट यह है कि संक्रमित इलाके में शपथ ग्रहण समारोह कैसे आयोजित किया जाए। अगर शपथ ग्रहण समारोह होता है तो यह एक उदाहरण बन जाएगा और सियासत भी गरमा जाएगी। इसकी तोड़ के लिए अधिकारियों ने पुराने विधानसभा भवन मिंटो हॉल और राजभवन के मैदान को चुना है। फिर भी मंत्रिमंडल विस्तार हो पाएगा या नहीं, इस पर संशय बना हुआ है।