देश

दिल्ली हिंसाः कुछ बड़ा करना चाहता था ताहिर हुसैन, तो हिंसा ही भड़का दी

नई दिल्ली:अपनी गिरफ्तारी तक निर्दोष होने और फंसाए जाने का आरोप लगा रहे आम आदमी पार्टी (AAP) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) ने अंततः दिल्ली को दंगे (Delhi Violence) की आग में झोंकने में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध-प्रदर्शन के नाम पर उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा न सिर्फ सुनियोजित थी, बल्कि इसके लिए लोगों को उकसाया गया. यही नहीं, दिल्ली पुलिस से पूछताछ में ताहिर हुसैन ने जेएनयू (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) से मुलाकात भी कबूल की है. गौरतलब है ताहिर हुसैन पर दिल्ली हिंसा को भड़काने के लिए आईबी कर्मी अंकित शर्मा की हत्या के आरोप में भी चार्जशीट दायर की हुई है.

उमर खालिद से की मुलाकात
प्राप्त जानकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन दिल्ली पुलिस से पूछताछ में लोगों को उकसाने और हिंसा कराने की बात मानी है. हुसैन ने माना है कि उसका इरादा कुछ बड़ा करने का था. इसके लिए वह जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से 8 जनवरी को शाहीन बाग स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यालय में भी मिला था. दिल्ली पुलिस के अनुसार, हुसैन का काम ज्यादा से ज्यादा शीशे की बोतल, पेट्रोल, एसिड, पत्थर को अपने छत पर इकट्ठा करना था. हुसैन के एक परिचित खालिद सैफी का काम सड़कों पर लोगों को प्रदर्शन के लिए एकत्र करने का था.

उमर खालिद से की मुलाकात
प्राप्त जानकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन दिल्ली पुलिस से पूछताछ में लोगों को उकसाने और हिंसा कराने की बात मानी है. हुसैन ने माना है कि उसका इरादा कुछ बड़ा करने का था. इसके लिए वह जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से 8 जनवरी को शाहीन बाग स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यालय में भी मिला था. दिल्ली पुलिस के अनुसार, हुसैन का काम ज्यादा से ज्यादा शीशे की बोतल, पेट्रोल, एसिड, पत्थर को अपने छत पर इकट्ठा करना था. हुसैन के एक परिचित खालिद सैफी का काम सड़कों पर लोगों को प्रदर्शन के लिए एकत्र करने का था.

 

खालिद सैफी से करवाया दंगा
सूत्रों के मुताबिक हुसैन ने पुलिस जांच में बताया, ‘खालिद सैफी अपने दोस्तों, इशरत जहां के साथ पहले खुर्जी में शाहीन बाग की तरह धरना शुरू करवाया. 4 फरवरी को अबु फैजल इनक्लेव में मैं खालिद सैफी से मिलकर दंगे की योजना के लिए मिला.’ हुसैन ने कहा, ‘4 फरवरी को अबु फैजल इनक्लेव में यह तय किया गया कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में धरने पर बैठे लोगों को उकसाना है और सरकार को घुटने के बल पर लाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान कुछ बड़ा करना है.’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
Close
Close