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रिसर्च में बड़ा खुलासा- पुरुषों में कम स्पर्म स्वास्थ्य के लिए है हानिकारक

Health Care Tips: स्पर्म की कमी पुरुषों में बीमारी का जोखिम भी बढ़ा सकता है. एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है. स्टडी में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि पुरुषों में स्पर्म  की कमी उनके स्वास्थ्य और बांझपन के संकेतक के रूप में देखा जाता है. इसका मूल्यांकन स्वास्थ्य आंकलन और बीमारियों से निवारण का सुनहरा अवसर प्रदान करता है.

इटली के विश्वविद्यालय में एक एसोसिएट प्रोफेसर ने बताया कि उनका अध्ययन स्पष्ट रूप से दिखाता है कि पुरुषों में शुक्राणु की कमी मेटाबॉलिक परिवर्तन, हृदय जोखिम और हड्डी के द्रव्यमान में कमी से जुड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि शुक्राणु की कमी पुरुषों में बीमारी का जोखिम भी बढ़ा सकता है.

उन्होंने बताया कि उनकी अध्ययन में जिन पुरुषों को शामिल किया गया था. उन पुरुषों की आधी संख्या में शुक्राणु की संख्या कम थी. वहीं सामान्य शुक्राणु की तुलना में पुरुषों के शरीर में 1.2 गुना अधिक वसा, उच्च रक्तचाप, खराब (एलडीएल) कोलेस्ट्राल और अच्छा (एटडीएल) कोलेस्ट्राल कम होने की संभावना थी.

प्रोफेसर ने बताया कि बांझ पुरुषों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं. उनमें जोखिम भी पहले से होते हैं, जो पुरुषों की जीवन गुणवत्ता बिगाड़ सकते हैं. इसके अलावा उनकी जिंदगियों को कम कर सकते हैं. ये प्रोफेसर जब पाडोवा विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे तब उन्होंने यह अध्ययन किया था. यह अध्ययन 5,177 पुरुषों पर किया गया.

उन्होंने बताया कि रिसर्च में शामिल पुरुषों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम की उच्च तीव्रता भी पाई गई. ऐसे मेटाबॉलिक जोखिम कारक मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की संभावना बढ़ाते हैं. शुक्राणु की कमी वाले पुरुषों में हाइपोगोनेडिज्म का जोखिम तथा लो टेस्टोस्टेरोन का स्तर 12 फीसदी बढ़ जाता है. जिन पुरुषों में लो टेस्टोस्टेरोन होता है उनमें हड्डी के द्रव्यमान में कमी पाई गई.

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