तकनीकी शिक्षा में होंगे बड़े बदलाव, छात्रों को मिलेंगे नए विकल्प
देश में जल्द ही तकनीकी शिक्षा का स्वरूप बदल सकता है। ऐसा होने पर एमबीएएस, फार्मेसी, आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग जैसे कोर्सों में दाखिला लेने के लिए छात्रों को किसी विशेष तकनीकी संस्थान का रुख नहीं करना होगा। इन्हें अपने ही कॉलेजों में इस प्रकार के पाठ्यक्रमों में दाखिला मिल सकेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक समस्त मानवीय उद्यमों और प्रयासों पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव से तकनीकी शिक्षा और अन्य विषयों के बीच अंतर समाप्त होने की संभावना बढ़ती जा रही है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “तकनीकी शिक्षा भी बहु विषयक शिक्षण संस्थानों और कार्यक्रमों के भीतर पेश की जाएगी। इसे अन्य विषयों के साथ गहराई से जोड़ने के अवसरों पर नए सिरे से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।”
निशंक ने कहा, “तकनीकी शिक्षा में डिग्री और डिप्लोमा दोनों ही कार्यक्रम शामिल हैं। उदाहरण के लिए इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी प्रबंधन, वास्तुकला, फार्मेसी, कैटरिंग आदि। यह सभी कार्यक्रम भारत के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।”
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उत्पन्न हुए संकट के दौरान तकनीकी शिक्षण संस्थान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन संस्थानों में प्रयोगशाला के साथ-साथ प्रेक्टिकल की भी आवश्यकता पड़ती है। हालांकि अब मौजूदा संकट को देखते हुए केंद्र सरकार और तकनीकी शिक्षा विभाग ने इसमें कई तरह के मूल बदलाव किए हैं। इन बदलावों के उपरांत तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
जो छात्र एरोस्पेस को लेकर उत्साहित हैं उनके लिए एनपीटीई के जरिए ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध कराया गया है। एनपीटीई के माध्यम से एयरोस्पेस के साथ-साथ 17 अन्य इंजीनियरिंग कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इनमें फूड इंजीनियरिंग, बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, डिजाइन इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक व कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं।