देश

सुप्रीम कोर्ट का देशभर में मोहर्रम जुलूस की अनुमति देने से इनकार, जानें क्या कहा

पूरी दुनिया में फैली कोरोना वायरस महामारी की वजह से लोग संकट में हैं। इस महामारी का असर प्रत्येक देश के त्योहारों पर भी देखने को मिल रहा है। भारत में भी कोरोना वायरस का असर त्योहारों पर देखने को मिला है। लेकिन अब मोहर्रम पर भी कोरोना वायरस का असर देखने को मिल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज मोहर्रम जुलूस निकालने के लिए अनुमित देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वह ऐसे आदेश पारित नहीं करेगा। जोकि लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद ने मोहर्रम का जुलूस निकालने के मामले में याचिका दाखिल की थी। यह मामला एससी में सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े को अध्यक्षता वाली बेंच में लगा। धर्मगुरु की तरफ से पेश वकील ने कहा कि पूरा एहतियात बरतते हुए जुलूस निकालने की इजाजत दी जानी चाहिए। जिस तरह पूरी में रथ यात्रा को निकालने की अनुमति दी गयी थी। पर्यूषण पर्व के दौरान जैन समुदाय को मंदिर में जाने की इजाजत दी गयी थी। वैसा ही मोहर्रम के जुलूस को भी इजाजत दी जानी चाहिए।

इसपर सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस ने कहा कि रथ यात्रा केवल एक शहर में होनी थी। साथ में यह भी जानकरी थी कि यह यात्रा कहां से शुरू होकर कहां तक जाएगी। लेकिन मोहर्रम पर जुलूस पूरे देश में निकलने हैं। यह भी स्पष्ट नहीं है कि किस शहर में जुलूस कहां से शुरू होगा और कहां तक जाएगा। हम राज्य सरकारों को सुने बिना पूरे देश में लागू होने वाला कोई आदेश कैसे दे सकते हैं? उन्होंने आगे कहा कि अच्छा होगा कि हर जगह फैसला वहां के प्रशासन को लेने दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के इस रुख को देखते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि लखनऊ में शिया समुदाय की सबसे अधिक आबादी है कम से कम सुप्रीम कोर्ट वहां पर जुलूस निकालने की इजाजत दे दे। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा यदि बात केवल लखनऊ में जुलूस निकालने की है तो इस पर सुनवाई की उचित जगह इलाहाबाद हाईकोर्ट है। आप वहां जा सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
Close
Close