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जेसिका लाल मर्डर केस का दोषी मनु शर्मा रिहा, दिल्ली LG के आदेश पर मिली राहत

नई दिल्ली: बहुचर्चित जेसिका लाल मर्डर केस में सजायाफ्ता मनु शर्मा को रिहा करने का आदेश जारी किया गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मनु शर्मा की रिहाई का आदेश दिया है। बता दें कि मॉडल जेसिका लाल की हत्या मामले में मनु शर्मा उम्रकैद की सजा काट रहा है। साल 1999 में जेसिका लाल की हत्या की गई थी। जिसके बाद भारी पुलिस दबाव और लंबी जांच के बाद मनु शर्मा को ही दोषी माना गया। मनु शर्मा की सुनवाई में कई बार उनके नेता पिता के रसूख का फायदा मिलने को लेकर सवाल खड़े किए गए।

कब हुई थी जेसिका की हत्या

इस सनसनीखेज हत्याकांड को 21 साल पहले 29 अप्रैल 1999 को अंजाम दिया गया था। हत्या की रात दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में पार्टी चल रही थी। जिसमें जेसिका लाल वाइन वेंडर के तौर पर सर्व कर रही थीं। मनु शर्मा ने जेसिका से शराब परोसने को कहा, जिसपर जेसिका ने शराब खत्म होने और देर रात होने का हवाला देते हुए उनकी मांग को खारिज कर दी थी। इसी से भड़के मनु शर्मा ने जेसिका लाल को गोली मार दी थी।

बीते 17 सालों से दिल्ली के तिहाड़ जेल में मनु शर्मा बंद थे। हालांकि बीच बीच में उनकी पैरोल पर रिहाई होती रही। बताया जाता है कि मनु शर्मा के अच्छे आचरण के कारण सेंटेंस रिव्यू कमेटी ने उसे छोड़ने की सिफारिश की है। जिसके आधार पर उप राज्यपाल अनिल बैजल ने उसे रिहा करने का आदेश जारी किया। आदेश मिलने के कुछ ही देर बाद मनु शर्मा को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया।

कौन है मनु शर्मा?

मनु शर्मा ने जिस वक्त जेसिका लाल की हत्या की थी, वो बड़े बाप का बिगड़ैल बेटा ही लगा था। उसे लगा था कि वो पिता के रसूख वजह से छूट जाएगा। मनु के पिता विनोद शर्मा की हरियाणा की राजनीति में अच्छी धाक थी। एक वक्त तो ऐसा भी आया था कि मनु शर्मा को साल 2006 में बरी तक कर दिया गया। इसके बाद जेसिका लाल की बहन ने अपील की और मीडिया ने भी जमकर बावेला मचाया। भारी दबाव के बाद फाइल फिर खुली और मनु शर्मा को उम्र कैद की सजा मिल गई।

जेसिका लाल हत्याकांड पर बनी इमोशनल फिल्म

जेसिका लाल हत्याकांड पर कई संवेदनशील फिल्में बनी हैं। इसमें खास तौर पर ‘नो वन किल्ड जेसिका’ को लोगों ने पसंद किया। ये विषय लोगों के दिल के करीब माना गया। क्योंकि इसमें एक ऐसे शख्स की कहानी है जो अपने पिता के रसूख के दम पर कुछ भी करने से गुरेज नहीं करता है। फिर उसे अपने अंजाम तक भी पहुंचना होता है। साथ ही फिल्म में आम आदमी और मीडिया की ताकत को भी बखूबी दिखाया गया है।

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