गरीबी से तंग शिक्षक मांग रहा सरकारी संपत्ति चोरी करने की अनुमति
राष्ट्रपति को लिखा पत्र....
न्यूज़🔍इन्वेस्टिगेशन
कटनी / जीवन मे आर्थिक तंगी व्यक्ति को किस कदर तोड़ कर देती है कि उसे मजबूर होकर ऐसे कदम उठाने को सोचना पड़ता है जो सामाजिक तौर पर निंदनीय हो सकते हैं । ऐसे ही एक मामले के बारे में बताया जा रहा है कि जिले की स्लीमनाबाद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बसेड़ी में सेवा दे रहे शिक्षक मनोज डोंगरे को 12 जून 2019 को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन अवधि का कार्यालय शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़वारा निर्धारित किया गया था। शिक्षक ने आरोप लगाया है कि निलंबन अवधि के दौरान दिया जाने वाला गुजारा भत्ता दीपावली के दौरान भी उसे प्राप्त नहीं हो सका। इससे परेशान होकर शिक्षक ने अपनी पीड़ा व शिकायत दीपावली के पूर्व 5 सितंबर को सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई।
लेकिन शिकायत को एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी तक भेजा जा रहा है लेकिन दिए जाने वाला गुजारा भत्ता उसे प्राप्त नहीं हो सका। इससे परेशान शिक्षक ने राष्ट्रपति से सरकारी संपत्ति चोरी करने की लिखित शिकायत भेजकर मांग की है। जिससे वह अपने जीवन यापन कर सके। अनुसूचित जाति के पीड़ित अध्यापक ने बताया कि मैं और मेरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। मेरे द्वारा कई जगह से कर्ज लिया जा चुका है।
आत्महत्या के लिए मजबूर हो सकता हूं 15 दिनों में
वेतन नहीं मिलने की स्थिति में अथवा आपके द्वारा सरकारी संपत्ति चोरी करने की लिखित अनुमति नहीं दिए जाने की स्थिति में अगले 15 दिनों के बाद में आत्महत्या करने के लिए भी मजबूर हो सकता हूं। इससे स्पष्ट होगा कि देश में निरंकुश प्रशासन है और देश का प्रशासन, देश की सरकार एक ऐसे अध्यापक (शिक्षक ) का वेतन नहीं दिला सकी जो कि देश का निर्माण करते हैं, जो बच्चों का भविष्य बनाते हैं जिनसे संपूर्ण देश का विकास होता है, सरकार – बार-बार मिन्नते, याचनाएं करने के बाद भी अध्यापक का वेतन नहीं दिला सकी।