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हौसलों की उड़ान से विकास सेथिया ने किया भिंड के बीहड़ का नाम रोशन

भिंड –  आपके दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो रास्ते की मुश्किलें आपको मंजिल तक पहुंचने में रोक नहीं सकती है। मजबूत दृढ़ संकल्प और बुलंद हौसले की बदौलत विषम परिस्थितियों में भी आप अपने मुकाम को हासिल कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ भिंड के विकास सेथिया ने कर दिखाया है। जिन्होंने भिण्ड के बीहड में बसे गोरम गांव से निकलकर यूपीएससी में 642 वी रैंक पाकर भिंड का नाम रोशन कर दिया है।

भिंड शहर के मीरा कॉलोनी इलाके में रविवार को काफी चहल-पहल रही। वाटर वक्स के किराए का कमरा लेकर रह रहे गोरम गॉव निवासी अवधेश सेथिया के भाई पवन शर्मा के घर के बाहर टेंट लगा हुआ है और लोगों के आने का सिलसिला जारी है। तभी अवधेश का बेटा विकास सेथिया अपने घर पर पहुंचता है तो घर में खुशी की लहर दौड़ जाती है। विकास की मां गिरजा देवी दौड़ी दौड़ी दरवाजे पर आती है और विकास के माथे पर टीका लगाकर उसका स्वागत करती है। यह खुशी और यह उत्सव विकास की सफलता पर मनाया जा रहा है। विकास ने यूपीएससी की परीक्षा में 642 वी रैंक हासिल करके अपने परिवार और भिंड का गौरव बढ़ा दिया है। विकास की सफलता की सबसे ज्यादा खुशी उसके पिता अवधेश सेथिया को है। अवधेश ने बताया कि काफी मुश्किल परिस्थितियों में विकास ने ये सफलता हासिल की है इसलिए उनके लिये सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण क्षण है।

विकास बीहड़ों के बीच बसे गोरम गांव के निवासी हैं। विकास की पढ़ाई को देखते हुए उनका परिवार भिंड शहर के वाटर वर्क्स इलाके में किराए का कमरा लेकर रह रहे हैं ।विकास के चाचा पवन शर्मा भी विकास की सफलता को लेकर काफी खुश हैं विकास के चाचा ने बताया कि उन्हें जैसे ही विकास की सफलता की खबर मिली तो उन्होंने तुरंत विकास के स्वागत को लेकर अपने घर के बाहर एक आयोजन रख दिया और अपने परिवार समेत रिश्तेदारों को न्योता देकर इकट्ठा किया। सभी लोगो मिलकर विकास की सफलता पर खुशियां मना रहे हैं। पवन शर्मा ने बताया कि विकास ने यह सफलता हासिल कर के सभी के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं।

विकास की सफलता पर उनकी नानी भी गदगद नजर आ रही है। नानी की खुशी उनकी चेहरे से साफ झलक रही है। जब विकास की सफलता के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने तालियां बजाकर विकास की सफलता की खुशी जाहिर की। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने विकास की सफलता पर विकास को ₹5 देकर उसका सम्मान भी किया है।

इस पूरी सफलता को लेकर विकास ने बताया कि उनके लिए यूपीएससी में सिलेक्शन हासिल करना बहुत मुश्किल भरा सफर रहा। विकास ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। ऐसे में भिंड से निकलकर दिल्ली में जाकर यूपीएससी के लिए तैयारी करना काफी मुश्किल भरा था। लेकिन उनके परिवारजनों रिश्तेदारों और दोस्तों के सहयोग से उन्होंने यह सफलता हासिल की। इसके साथ ही विकास ने बताया की यूपीएससी की परीक्षा में यह मायने नहीं रखता है कि आपको क्या पढ़ना है यह ज्यादा मायने रखता है कि आपको क्या नहीं पढ़ना है। इसके साथ ही उन्होंने बताया यूपीएससी की तैयारी के लिए आठ से 10 घंटे की पढ़ाई पर्याप्त है लेकिन परीक्षा के समय यह समय बढ़कर 12 से 13 घंटे हो जाया करता है। विकास बताते हैं कि उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा गोरम गांव के शासकीय स्कूल में की। इसके बाद पांचवी कक्षा के बाद वे भिंड शहर आए और यहां पर उन्होंने प्राइवेट स्कूल में दाखिला लिया। 12वीं की शिक्षा भिंड से पूरी करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए और यहीं से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के साथ-साथ उन्हें यूपीएससी की तैयारी की और यूपीएससी में सफलता भी हासिल कर ली। विकास ने दूसरे युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि कि किसी भी फील्ड में जाने से पहले खुद की क्षमता का आकलन कर लेना चाहिए उसके बाद ही आगे बढ़ना चाहिए।

विकास के इस हौशले की तारीफ बीएसपी के विधायक संजीव सिंह कुशवाह करते नही थक रहे है। साथ ही उन्होंने विकास और उनके माता-पिता को शुभकामनाए दी है।

विकास सेथिया के ने बीहड के बीच बसे गोरम गांव से निकलकर यूपीएससी में 642 वी रैंक हासिल करके ना केवल अपने परिवार बल्कि भिंड जिले का नाम भी रोशन कर दिया है। विकास उन दूसरे युवाओं के लिए भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है जो विषम परिस्थितियों में कुछ करने का जज्बा रखते हैं। एक और जहां भिंड का नाम डकैतों और अपराधों के लिए जाना जाता है वही भिण्ड जिले से विकास जैसे होनहार युवा भी देश के पटल पर अब भिंड का नाम रोशन कर रहे हैं। इससे भिंड की छवि भी देश के सामने निखर कर आ रही है।

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