दोषों को दूर करता है और आकर्षण बढ़ाता है मोरपंख
भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट की शोभा बढ़ाने वाला मोरपंख बहुत पवित्र माना जाता है। घर में मोरपंख का होना आवश्यक है। नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने या आकर्षण शक्ति को बढ़ाने में मोरपंख का प्रभाव बहुत अधिक माना जाता है। वास्तु में मोरपंख की उपयोगिता से जुड़े कुछ तथ्य बताए गए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
मोरपंख के बिना भगवान श्रीकृष्ण का शृंगार और पूजन अधूरा माना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के साथ मोरपंख अवश्य लगाएं। मोरपंख को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। घर के मुख्य द्वार पर भगवान श्रीगणेश की मूर्ति के साथ दो मोरपंख भी रखें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा और जीव जंतु घर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। अगर बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता है तो बच्चे की किताबों में मोर पंख रख दें। ऐसा करने से बच्चे की एकाग्रता बढ़ेगी। अगर बच्चा जिद्दी है तो मोरपंख से बने पंखे से उसकी हवा करें। ऐसा करने से उसका व्यवहार बदल जाएगा। बच्चे के हाथ पर एक मोरपंख बांधकर रखने से बच्चे को कभी नजर नहीं लगती और डरावने सपने भी नहीं आते हैं। पीले रेशमी कपड़े में एक मोर पंख को लपेटकर सदा अपने पास रखें। ऐसा करने से आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है। आग्नेय कोण में मोरपंख लगाने से घर के वास्तु दोष को ठीक किया जा सकता है। किसी मंदिर में जाकर मोरपंख को श्रीराधा-कृष्ण की मूर्ति के पास रख दें। 40 दिन पूजा करने के बाद इसे घर में ले आएं। ऐसा करने से सभी बिगड़े काम बनने लगेंगे। पति-पत्नी के बीच तनाव रहता है तो शयनकक्ष में पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में मोर पंख रख दें।