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समरसता सेवा संगठन ने संत कबीर जयंती के अवसर पर किया जयंती समारोह का आयोजन एवं पौधारोपण

न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन

जबलपुर। “जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान, मोल करो तलवार का पड़ी रहन दो म्यान” यह कबीरदास जी का एक प्रसिद्ध दोहा है। इसका अर्थ है कि किसी साधु की जाति नहीं पूछनी चाहिए, बल्कि उसका ज्ञान, उसकी समझ और उसके विचारों को देखना चाहिए। दूसरे शब्दों में, किसी व्यक्ति का मूल्य उसकी जाति या जन्म से नहीं, बल्कि उसके ज्ञान और चरित्र से निर्धारित होता है, यह बात वरिष्ठ पत्रकार विजय तिवारी ने समरसता सेवा संगठन के द्वारा संत कबीर दास जी की जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित जयंती समारोह के अवसर पर अग्रवाल धर्मशाला ग्वारीघाट में कही। समरसता सेवा संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षाविद  शिवकुमार सिंह ठाकुर, मुख्य वक्ता साहित्यकार  विजय तिवारी, विशिष्ठ अतिथि  एन पी झारिया, समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष  संदीप जैन, सचिव उज्ज्वल पचौरी मंचासीन थे।

संत कबीर दास जी की जयंती पर समरसता सेवा संगठन ने जयंती समारोह के बाद नर्मदा उद्यान में मोल श्री का पौधा लगाकर पौधारोपण किया और उपस्थित जनों ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया

उन्होंने कहा कबीर दास जी का 13 सौ सदी में जन्म हुआ 15 सौ सदी तक वह रहे और उन्होंने तीन सदियों को देखा है और इन तीन सदी में समाज की विषमताओं को भी देखा और इसके बाद उन्होंने समाज में व्याप्त कुरूतियो को सुधारने के प्रयास प्रारंभ किए और अपने दोहों के माध्यम से समाज को जागृत करने का कार्य किया।

मुख्य अतिथि शिवकुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा संत कबीर दास जी ने समाज और राष्ट्र को प्रेम से जोड़ने का कार्य किया है।

शिवकुमार जी ने कहा कबीर दास जी कहते है आज झूठ बिक रहा है और सत्य शांत बैठा है इसीलिए हमे कबीर दास जी से प्रेरणा लेकर सत्य को लोगो तक पहुंचाना होगा। कबीर दास जी को एक संत होने के साथ ही क्रांतिकारी कवि के रूप में हम जानते है। उन्होंने आडंबर, पाखंड और अंधविश्वास की हमेशा खिलाफत की और अपने दोहों से उन्होंने मानवता का यही संदेश समाज को देने का प्रयास किए।

उन्होंने कहा आज जब अपने आप को जानना बहुत कठिन है तब समरसता सेवा संगठन द्वारा सब सबको जाने और सब सबको माने के विचार के साथ लोगो को जोड़ने का कार्य कर रहे है, यह अभिनंदनीय कार्य है।

कार्यक्रम को विशिष्ठ अतिथि एनपी झारिया, वरिष्ठ समाजसेवी श्याम सुंदर साहू ने भी संबोधित किया।
प्रसिद्ध गायक अनवर हुसैन ने अपने गीतों के माध्यम से कबीर दास जी के दोहों को कार्यक्रम में प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम की प्रस्तावना एवं स्वागत उद्बोधन समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन ने दिया। कार्यक्रम का संचालन शरद ताम्रकार एवं आभार सचिव उज्ज्वल पचौरी ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर राज सागरी, सुरेश विचित्र, के एल कोष्टा, शंकर लाल गौंटिया, जगदीश नाहर, दीपचंद विनोदिया, चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव, डैनी बुंदेला, अमित मेहरा, चमन लाल दोहरे, कृष्णा पटेल, आयुष चौरसिया, मंगेश गौंटिया, अमृत लाल मेहरा, अनिल जैन, राकेश झारिया प्रदीप पटेल, अनिल तिवारी, धीरेंद्र मिश्रा, अंशुमान असाठी के एल सेन, शिवबहादुर श्रीवास, एन के दास, भरत बिरहा, संतोष राठौर, निशा विश्वकर्मा, मधु गुप्ता, वनिता मालवीय, देवेश्वर मोदी, रामसेवक पटेल, जगदीश यादव, कन्हैया लाल गुप्ता, योगेंद्र मालवीय उपस्थित थे।

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