भारतीय सेना के कुशल अधिकारियो के निर्देशन में चल रहा उत्साहित अग्निवीरों का प्रशिक्षण
अधिकारीयों के अनुसार पहली बार इतना उत्साह दिखा
✍️ VILOK PATHAK ( “The NI” )
NEWS INVESTIGATION / भारत में पिछले साल से लागू हुई अग्निवीर योजना के तहत नये फौजियों की भर्ती शुरू हो गई है. देश की रक्षा के लिए इंडियन आर्मी में अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है । अग्निवीर विभिन्न कठिन चयन प्रक्रियाओं को पार कर अग्निपथ योजना के तहत सेना में चयनित हुए हैं। जबलपुर में तीन ट्रेनिंग सेंटरों में अग्निवीरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये सेंटर हैं, जैक राइफल्स, वन एसटीसी और जीआरसी। इन सभी प्रशिक्षण केंद्रों में दो हजार से ज्यादा अग्निवीर प्रशिक्षण ले रहे हैं। यहां देश के कई मुख्यालयों से चुनकर आए अग्निवीर शामिल हैं।
जम्मू एवं कश्मीर राईफल्स रेजीमेंटल सेंटर जबलपुर में अग्निवीर प्रथम कोर्स का प्रशिक्षण तय कार्यक्रम के अनुसार 01 जनवरी 2023 से शुरू हो चुका है, अग्निवीर की ट्रेनिंग पैटर्न के मुताबिक अग्निवीरों का दिन सुबह 5 बजे से शुरू होता है. वही सुबह 6 बजे फिजिकल ट्रेनिंग के लिए ट्रेनिंग ग्राउंड में इन अग्निवीरों की पहचान होती है. फिजिकल ट्रेनिंग के समय अग्निवीरों को रनिंग से शुरू करना होता है, जिस के बाद रोलिंग, डिप्स, आर्म्स एंड लेग्स जैसी कसरत कराई जाती है. साथ ही इन अग्निवीरों को हर परिस्थिति के लिए तैयार करने के लिए उनको रस्सी पर भी चढना सिखाया जाता है | कर्नल भानुप्रताप सिंह ट्रेनिंग बटालियन कमांडर, जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर के मार्गदर्शन से पूरी प्रशिक्षण टीम अग्निवीरों को शारीरिक और युद्ध कौशल का प्रशिक्षण दे रही है एवं प्रशिक्षण के साथ-साथ उनके रहन सहन का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।जैक का हुंजा परेड ग्राउंड को ड्रिल- स्क्वेयर कहा जाता है, में अग्निवीर को शारीरिक के साथ अनुशासनात्मक परेड की ट्रेनिग कुशल अधिकारीयों द्वारा दी जाती है |
द्रोण समिलिेटर रूम में अग्निवीरों को कम्प्यूटर के माध्यम से लक्ष्य भेदने की ट्रेनिंग दी जा रही है। यहां अग्निवीर के जवान इंस्ट्रक्टर के निर्देश पर कम्प्यूटर के माध्यम से लक्ष्य भेदने का हुनर सीख रहे हैं। प्रशिक्षण के दोरान प्रत्येक अग्निवीर को 170 राउंड फायर करने का अवसर प्रदान किया जाएगा । ये फायर-राउंड उसे 10 हफ्तों के लिए निर्धारित है यहां प्रशिक्षण लेने वाले अग्निवीरों को टैब के आकार की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जो फायर डिस्प्ले यूनिट के रूप में रहती है उपलब्ध कराई जाती है। जिसमें फायर की सटीकता का लाइव रिजल्ट 250 मीटर दूर से अग्निवीर खुद देख लेता है। प्रत्येक अग्निवीर की अचूकता का फायर डेटा यहां आनलाइन तरीके से रिकार्ड होता है। जिसकी मोनिटरिंग की जाती है |
◆ अग्निवीर के लिए सुविधाएँ
सुबह मेस में नाश्ते के साथ शुरू हुयी दिनचर्या में दोपहर और रात्रि के भोजन के साथ उच्च कैलोरी का भोजन दिया जाता है भोजन बनाने के लिए ट्रेंड स्टाफ के साथ विशेषज्ञ शामिल रहते है, रहने के लिए अत्याधुनिक बैरक जिसमे मनोरंजन के लिए कैरम शतरंज टेबिल टेनिस सहित कई तरह के गेम शामिल हैं वहीँ स्वास्थ्य के लिए होस्पिटल की सुविधा जहाँ २४ घंटे डॉक्टर की टीम तैनात रहती है । ओपन थियेटर आदि की सुविधाएँ उपलब्ध हैं । रात साढ़े नौ बजे विश्राम के समय सभी बैरकों की लाइटें बंद हो जाती हैं।
◆ सैन्य अफसर क्रर रहे तारीफ
सेना के अफसरों का कहना है कि सैनिकों की पुरानी भर्ती प्रक्रिया के दौरान जो जवान यहां आते थे उनकी शैक्षणिक योग्यता प्रायः न्यूनतम के आसपास ही होती थी। उनके प्रशिक्षण में प्रशिक्षकों को काफी मेहनत करना पड़ती थी , लेकिन अग्निवीरों के रूप में जो युवा आए हैं वो प्रतिभावान हैं। अनेक ऐसे हैं जिन्होंने इंजीनियरिंग, पालीटेक्नीक और डिप्लोमा धारी हैं। अनेक ऐसे भी हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेलकूद स्पर्धाओं में पदक हासिल किए हैं। ये जवान बहुत जल्दी तैयार होकर सेना का हिस्सा बनेंगे।
◆ इनका कहना है
राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय समृद्धि की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए 1stc युवाओं को राष्ट्र के लिए बहादुर फौजी बनाने पर जोर दे रहा है युवाओं ने हामी भरी भर्तियों में काफी रूचि दिखाई है और हाल ही में बड़ी संख्या में युवाओं में शामिल होकर जबरदस्त उत्साह दिखाया है निर्धारित प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अग्नि वीरों को देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित बटालियन में भेजा जाएगा
◆ ब्रिगेडियर राहुल मलिक
{ कमांडेंट 1stc जबलपुर }
सैनिक की जिंदगी में अनुशासन और प्रशिक्षण महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं और विषम परिस्थितियों में भी डटे रहकर देश की रक्षा करने में मदद करते हैं अग्निवीर भर्ती योजना भारतीय सेना के इतिहास में एक नया अध्याय है तथा युवा अग्नि वीरों का उपाय निस्संदेह यह साबित करता है कि यह देशवासियों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है
◆ ब्रिगेडियर राजेश शर्मा
{कमांडेंट जम्मू एवं कश्मीर राइफल रेजिमेंटल सेंटर}