आत्मवलोकन की साधना है संघ शिक्षावर्ग : प्रांत प्रचारक बृजकांत
बीस दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष प्रारंभ
सतना / “संघ शिक्षा वर्ग एक साधना है। यहाँ आकर शिक्षार्थी अपने जीवन के विकास के लिए जितने गुणों एवं जितने व्यवहार की और जितने प्रकार के आचरण की आवश्यकता होती है और इसके लिए मनसा वाचा कर्मणा एक हो जाए संघ का स्वयंसेवक संघकार्य को निमित्त मानकर भारत मां की सेवा के लिए गुण व शक्ति की साधना करके आत्मअवलोकन करते हैं।”
यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महाकौशल प्रांत प्रचारक बृजकांत जी ने सरस्वती आवासीय विद्यापीठ में प्रारंभ हुए बीस दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के उद्घाटन सत्र में शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि स्वयं को पहचानने के लिए ही वर्ग होता है। मैं कौन हूँ मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है, मेरे जन्म लेने का हेतु क्या है यह सब जानने के लिए शिक्षार्थी वर्ग में आते हैं। गुणों का संवर्धन ही शिक्षा वर्ग है। इसका उद्देश्य व्यक्तित्व को पहचानकर उसका विकास करना है। उन्होंने बताया कि अव्यक्त को व्यक्त करना ही वर्ग है। हिंदू समाज का मूल चरित्र यही है कि मैं अकेला हूं क्या कर सकता हूं। परंतु मैं अकेला नहीं हूं यह वर्ग से सीखने को मिलता है। माता जीजाबाई ने जब पंद्रह वर्ष के बालक शिवा से कहा कि प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देते समय सामने किले पर यह हरा झंडा दिखाई देता है क्या तुम उसे बदलकर हमारा सनातन भगवाध्वज फहरा सकते हो।तब शिवाजी ने वचन दिया और संकल्प पूरा किया। परंतु केवल वचन से नहीं बल्कि वचन अनुकूल आचरण व उसके अनुरूप कार्य करने से संकल्प पूरा होता है। श्री बृजकांत ने कहा वर्ग में संघ कार्य के लिए सभी प्रकार के संस्कार प्रशिक्षण प्राप्त होते हैं। संगठन का मनोभाव वाणी में एकजुटता और सभी में एक प्रकार के विचार हो इसके लिए अपने आप को तपाकर स्वयंसेवक इसका प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। प्रांत प्रचारक ने कहा कि शिक्षार्थी की भावना होती है कि मेरे सौभाग्य के कारण मैं यहां वर्ग करने आया। इस अवसर पर प्रांत प्रचारक ने मध्यक्षेत्र प्रचारक प्रमुख शिवरामजी समदरिया वर्गाधिकारी चन्द्रभान पटेल वर्ग कार्यवाह रावेंद्र पटेल वर्ग के पालक अधिकारी कौशलेंद्रजी प्रशिक्षण वर्ग के मुख्य शिक्षक आंनद सह मुख्यशिक्षक प्रवीण वर्ग व्यवस्था प्रबंधक प्रमुख लक्ष्मीकांत द्विवेदी प्रांत शारीरिक शिक्षण प्रमुख गंगा राजू पांडेय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सतीश पाटीदार विभाग प्रचारक संजय का परिचय कराया। विभाग प्रचार प्रमुख मनमोनह माहेश्वरी ने बताया कि वर्ग में महाकौशल प्रांत के 268 महाविद्यालयीन विद्यार्थी शामिल हैं