टॉप न्यूज़

निर्माण करने के लिये मनुष्य निर्माण करना बेहद आवश्यक है….राष्ट्र प्रथम का भाव रखकर देश के लिए कार्य करें – रामदत्त चक्रधर

NEWS INVESTIGATION

भोपाल. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर जी ने कहा कि राष्ट्र का निर्माण करने में सम्पूर्ण समाज की भूमिका सुनिश्चित करना आवश्यक है. भारत एक आध्यात्मिक देश है, यहां के सभी सामान्य नागरिकों को इस बात को समझते हुए राष्ट्रप्रथम का भाव रखकर देश के लिए कार्य करना चाहिए. जब हम सभी राष्ट्र को सर्वोपरि रखकर अपने कार्य करेंगे, तब ही यह राष्ट्र आगे बढ़ेगा. सह सरकार्यवाह शारदा विहार में आयोजित तीन दिवसीय महाविद्यालयीन विद्यार्थी कार्यकर्ता विकास वर्ग में शिक्षार्थियों के प्रकट कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान मंच पर मुख्य अतिथि राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य एवं सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक राजीव टंडन जी सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक अशोक पांडेय जी, भोपाल विभाग संघचालक डॉ. राजेश सेठी जी, वर्गाधिकारी डॉ. पवन पाठक जी आदि उपस्थित थे.

उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस, मानवेन्द्र राय, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इत्यादि सभी ने नागरिकों के विकास को ही राष्ट्र का विकास होना बताया है. इसलिए राष्ट्र का निर्माण करने के लिये मनुष्य निर्माण करना बेहद आवश्यक है. हम सभी स्वयं को ही राष्ट्र समझें एवं स्वयं के साथ परिवार, समाज को ठीक रखने की जिम्मेदारी निभाएं. सह सरकार्यवाह उपस्थित सभी से कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्व के भाव का जागरण, नागरिक का कर्तव्य एवं शिष्टाचार को जन-जन के मन में बैठाने की बात पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि परिवार के सभी जन घर में एकजुट होकर रहें. हम सभी परिवार में सामूहिक पंगत, भजन-भोजन इत्यादि को प्राथमिकता दें. उन्होंने सभी से स्व के भाव जगाकर मातृभाषा को प्राथमिकता देने, पर्यावरण का ध्यान रखने, समस्त समुदाय के नागरिकों को एक मानने सहित राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का भाव जगाने को वर्तमान की आवश्यकत बताया. चाहे गुरुनानक देव जी, गुजरात के नरसी मेहता, तमिलनाडु के अन्नादुरै, सभी ने भारत के एकराष्ट्र व पुरातन होने की बात कही है. उन्होंने कहा भारत के न्यायालय, संसद, जल सेना, वायु सेना, जीवन बीमा निगम, एनसीईआरटी, आईएएस अकेडमी इत्यादि देश के सभी बड़े संस्थानों के बोध वाक्य भारतीय वाङ्गमय से लिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि सारे विश्व की दृष्टि आज भारत की ओर है. कोरोना के समय में विश्व के जरूरतमंद देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने की बात हो या फिर यमन, रूस यूक्रेन युद्ध एवं श्रीलंका के सहयोग की बात. भारत ने हर बार सहयोगी के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन किया है. राम मंदिर में प्रभु श्री राम की प्रतिष्ठापना, धारा 370 का हटना, चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक भारत का पहुंचना, एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होते देखना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि देश के सामने कई चुनौतियां हैं. हम सभी को सतर्क रहकर अपने कार्य को करना है. देश हर मंडल में संघ के कार्यकर्ताओं का जाल खड़ा करने की बात पर जोर देते हुए कहा कि स्वयंसेवक राष्ट्र निर्माण के लिए अपने कार्य को समय दें. देश रहेगा तो हम रहेंगे, ये भाव सभी के अंदर जगाना है. तभी भारत माता की जय होगी.

बेहद पुरानी है भारतीय सभ्यता इस पर गर्व करें

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजीव टंडन ने संघ कार्य की सराहना करते हुए कहा कि संघ द्वारा लगाए जाने वाले प्रशिक्षण शिविर हमें विकसित करके राष्ट्र की सेवा करने को तैयार करते हैं. उन्होंने आतंकवाद एवं देश विरोधी गतिविधियों से सजग रहने की बात पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय सभ्यता काफी पुरानी रही है, हमें उस पर गर्व करना चाहिए. उन्होंने उपस्थित जनों से अपने अधिकार के साथ-साथ अपने कर्तव्यों के प्रति भी सजगता दिखाने की बात पर जोर दिया. मध्यभारत प्रान्त के महाविद्यालयीन विद्यार्थी कार्यकर्ता विकास वर्ग में शनिवार को ध्वजारोहण एवं प्रार्थना के पश्चात् शिक्षार्थियों ने प्रकट कार्यक्रम प्रस्तुत किया. इस दौरान संघ की दृष्टि से 31 जिलों के 135 स्थानों से आये 940 शिक्षार्थियों द्वारा मन एवं शरीर को साधते हुए विभिन्न आकृतियां तैयार कीं.

Tags

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close