धान उपार्जन से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिये कलेक्टर पहुँचे किसानों के बीच दो-तीन दिन में अनाधिकृत स्थानों पर रखी धान की खरीदी चालू करने का दिया भरोसा
NEWS INVESTIGATION / THE NI
धान उपार्जन से जुड़ी किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिये कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आज
रविवार को भी कई ऐसे गोदामों का निरीक्षण किया जहाँ उपार्जन केंद्र नहीं बनाये जाने के बावजूद किसानों द्वारा
अपनी उपज ले जाकर रख दी गई है। इस दौरान उन्होंने किसानों से चर्चा की तथा उन्हें वास्तविक किसानों की एफ
ए क्यू गुणवत्ता वाली पूरी-पूरी धान खरीदने का भरोसा दिया।
किसानों की धान उपार्जन से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिये कलेक्टर श्री सक्सेना ने रविवार को
मझौली तहसील का भ्रमण किया। शुरुआत में उन्होंने ग्राम पिपरिया स्थित श्री अन्नपूर्णा वेयर हाउस और ग्राम
चोपरा स्थित ओम साईं राम एग्रो वेयर हाउस स्थित उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई धान
का निरीक्षण किया। इस मौके पर श्री सक्सेना ने किसानों से हुई चर्चा में असुविधा से बचने के लिये स्लॉट बुक
करके ही अपनी उपज खरीदी केंद्रों पर लाने का आग्रह किया। उन्होंने दोनों खरीदी केंद्रों पर खुले में रखी धान को
भीगने से बचाने के लिये तिरपाल से ढंकने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि यदि खरीदी केन्द्र से संलग्न
वेयरहाउस भर चुके हैं तो नजदीक के खाली वेयर हाउस को इन उपार्जन केंद्रों से लिंक कर वहाँ उपार्जित धान का
भंडारण किया जाये।
कलेक्टर ने मझौली तहसील के अंतर्गत योगमाया वेयर हाउस बटरंगी, ओम साईं राम वेयर हाउस मुड़कुरु
और सिद्धार्थ वेयर हाउस घाना कला जैसे उन गोदाम परिसरों में रखी धान का जायजा भी लिया जिन्हें उपार्जन
केंद्र नहीं बनाया गया है, लेकिन गोदाम संचालकों के बहकावे में आकर किसानों ने अपनी उपज वहाँ लाकर रख दी
है। उन्होंने इन स्थानों पर रखी अपनी धान का समर्थन मूल्य पर उपार्जन न हो पाने से परेशान किसानों से चर्चा
भी की और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी इस कठिनाई का जल्दी ही निराकरण किया जायेगा।
श्री सक्सेना ने बताया कि ऐसे सभी 36 गोदाम परिसरों में रखी धान का उपार्जन दो-तीन दिन के भीतर
शुरू किया जा रहा है, जो स्वीकृत उपार्जन केंद्रों की सूची में शामिल नहीं है। ऐसे स्थानों से वास्तविक किसानों की
और एफ ए क्यू गुणवत्ता की धान ही खरीदी जायेगी। सिकमीनामें के आधार पर हुये पंजियनों की जाँच भी की
जायेगी और फर्जी सिकमीनामे वाले पंजियनों को निरस्त किया जायेगा, ताकि बिचौलिये या व्यापारी इस व्यवस्था
का अनुचित लाभ न उठा सकें।
कलेक्टर ने बातचीत में किसानों को सलाह भी दी कि बारिश में भीग गई धान को सूखालें और एफ ए क्यू
मापदंड के अनुरूप तैयार कर लें, जिससे की सर्वेयर की जॉच में धान पास हो सके। श्री सक्सेना ने बताया कि उन
सभी 36 गोदाम परिसरों में रखी धान की गुणवत्ता की जाँच के लिये शासन द्वारा अलग से एक-एक सर्वेयर को
तैनात किया गया है, ताकि वास्तविक किसानों की रखी धान का जल्दी उपार्जन हो सके। उन्होंने किसानों को दी गई
समझाईश में कहा कि इस बार की चूक सभी के लिये एक सबक है। किसान भी इससे सीख लें और आगे से
स्वीकृत उपार्जन केंद्रों पर ही स्लॉट बुक करने के बाद अपनी उपज लेकर जायें।
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान बताया कि किसानों से अनाधिकृत स्थानों पर रखी धान के उपार्जन के लिये
उसी गोदाम परिसर में खरीदी केंद्र बनाये जा रहे हैं। लेकिन खरीदी गई ऐसी धान का भंडारण इन गोदामों में नहीं
किया जायेगा। इस धान को राइस मिलर्स को भेजा जायेगा या ओपन केप अथवा अन्य गोदामों में रखा जायेगा।
ऐसे में किसानों को भुगतान में थोड़ा बहुत बिलंब भी हो सकता है। इसके लिये उन्हें धैर्य रखना होगा और प्रशासन
को सहयोग करना होगा, ताकि उनकी समस्या का हल हो सके। उन्होनें किसानों को अपना मोबाईल नम्बर भी
दिया तथा उपार्जन में किसी भी तरह की समस्या आने पर तत्काल उनहें संपर्क करने का अनुरोध किया।