मुख्य आरोपी अब्दुल हामिद ने लाइसेंसी बंदूक से मारी थी रामगोपाल को गोली… बहराइच हिंसा में बड़ा खुलासा
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♦ VILOK PATHAK
न्यूज़ इन्वेस्टीगेशन
उप्र बहराइच में हुई हिंसा के मामले में नया खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी अब्दुल हामिद ने अपनी लाइसेंसी सिंगल बैरल बंदूक से रामगोपाल के सीने में गोली मारी थी पुलिस को इसका पुख्ता इनपुट मिला है कि युवक रामगोपाल मिश्रा की हत्या करने वाला मुख्य आरोपी परिवार समेत नेपाल भाग गया है। आरोपियों के खिलाफ अब पुलिस-प्रशासन बड़ी और सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। वारदात में एक भी नामजद आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। अब्दुल हमीद और उसके दोनों बेटे सरफराज उर्फ रिंकू उर्फ सलमान, फहीम के अलावा राजा उर्फ साहिर, ननकऊ, मारुफ व अन्य चार अज्ञात पर केस दर्ज किया गया है। बहराइच के महसी क्षेत्र में 13 अक्तूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भारी हिंसा हुई थी, जिसमें रेहुवा मंसूर गांव निवासी 24 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा की हत्या कर दी गई थी।
♦ ऐसे बिगडे हालात
बहराइच की महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार शाम को गाने को लेकर हुए विवाद के बाद दूसरे समुदाय के युवकों ने पथराव शुरू कर दिया। इससे दुर्गा प्रतिमा खंडित होने पर पूजा समिति के सदस्यों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया तो दूसरे समुदाय के लोग रामगोपाल मिश्रा (24) को घर के अंदर घसीट ले गए और गोली मार दी। गोपाल की जब हत्या की गई थी तब हजारों की भीड़ मौके पर जमा थी। सभी लोग शोभायात्रा में शामिल थे। गोपाल ने पहले छत पर झंडा लगाया और फिर पीछे सीढ़ी के पास पहुंचा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसी दौरान उस पर अब्दुल हमीद ने अपनी लाइसेंस बंदूक से गोली दाग दी। पूरे शरीर में छर्रे लगे। गोपाल खून से लथपथ होकर गिर गया। इसके बाद उसपर सभी आरोपी टूट पड़े। धारदार हथियार से वार कर बर्बरता की। गोपाल के भाई और उसके साथी उसको मरणासन्न हालत में वहां से बाहर निकाल रहे थे तब भी आरोपी उस पर पथराव कर गोलियां चला रहे थे। देर शाम रामगोपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आई, रिपोर्ट के मुताबिक, शरीर पर 35 छर्रे लगे थे। धारदार हथियार से वार कर करंट भी लगाया गया था। इससे शॉक एंड हेमरेज से उनकी मौत हो गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार शाम महसी तहसील की प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था। महराजगंज कस्बे में पहुंचने पर कस्बा निवासी दूसरे सामुदाय के कुछ लोग मौके पर पहुंचे और गाली गलौज शुरू कर दी। प्रतिमा के साथ चल रहे लोगों ने इसका विरोध किया तो छतों से पथराव शुरू कर दिया गया। इस पर समिति के सदस्य प्रदर्शन करने लगे तो दूसरे सामुदाय के हजारों लोगों की भीड़ मौके पर पहुंची और उपद्रव शुरू कर दिया। सूचना पर भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुए विवाद और रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद शुरू हुआ बवाल सोमवार रात तक चला। इस दौरान शिवपुर, राजीचौराहा, भगवानपुर, खैरा बाजार समेत अन्य स्थानों पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं थीं।
महसी तहसील क्षेत्र में पीएसी व पुलिस के जवान तैनात रहे। चौराहों पर भी कड़ा पहरा रहा। एडीजी गोरखपुर जोन केएस प्रताप, कमिश्नर शशि भूषण लाल, डीआईजी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, डीएम मोनिका रानी, एसपी वृंदा शुक्ला समेत आला अधिकारी महसी तहसील क्षेत्र में गश्त करते रहे। डीएम व एसपी ने महसी में भी कैंप किया। नेपाल बॉर्डर पर भी अधिकारी पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था देखी।