स्व-सहायता समूह से पैसे लेने वाली प्राथमिक शिक्षिका की एक वेतन वृद्धि रोकी
न्यूज़🔍इन्वेस्टिगेशन
जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी के द्वारा शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार की एक शिकायत पर कार्यवाही करते हुए डीईओ ने शिक्षिका की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोक दी है। सोनी ने बताया कि प्राथमिक शिक्षिका रूक्मणी मिश्रा जो कि पनागर के शास प्राथमिक शाला केवलारी संकुल शास कन्या उमावि पनागर में पदस्थ है ,इनके विरुद्ध शिकायतकर्ता क्षमा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष प्रमिला ठाकुर एवं सचिव लक्ष्मी कुशवाहा के द्वारा सीईओ जनपद पंचायत पनागर को शिकायत की गई। सीईओ जनपद पंचायत पनागर के द्वारा उक्त प्रकरण की जांच बीआरसी पनागर से कराई गई। जांचकर्ता बीआरसी पनागर के द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में बताया गया कि स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा बताया गया कि रूक्मणी मिश्रा प्राथमिक शिक्षक के द्वारा समूह से पैसे लिए जाते है। रूक्मणी मिश्रा के द्वारा स्व सहायता समूह को हटाने के लिए अध्यक्ष सपना दाहिया को गुमराह कर हस्ताक्षर कराए गए। यही नहीं जांच के दौरान बीआरसी के द्वारा बुलाने पर रूक्मणी मिश्रा उपस्थित नहीं हुई। रूक्मणी मिश्रा के बारे में उपस्थित समूह के सदस्यों ने बताया कि मैडम हमेशा स्कूल विलंब से आती है तथा खाना बनाने वाले समूह की महिलाओं को अनावश्यक परेशान करती है। शिक्षिका रूक्मणी मिश्रा के द्वारा स्वयं की लगाई गई सीएम हेल्पलाइन शिकायत भी जांच में गलत पाई गई। इस प्रकार की बीआरसी से जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जनपद पंचायत सीईओ के द्वारा डीईओ जबलपुर को रूक्मणी मिश्रा के विरुद्ध कार्यवाही हेतु प्रस्ताव भेजा गया।
डीईओ जबलपुर के द्वारा रूक्मणी मिश्रा को इस सम्बन्ध में कारण बताओ पत्र जारी कर जवाब मांगा गया, रूक्मणी मिश्रा के द्वारा कारण बताओ पत्र का जवाब प्रस्तुत किया गया जो कि परीक्षण उपरांत संतोषजनक नहीं पाया गया।
इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा पुनः एक और मौका देते हुए प्रकरण में साक्ष्य एवं बचाव हेतु समक्ष सुनवाई रखी गई। इस समक्ष सुनवाई में डीईओ के सामने अपने बचाव में रूक्मणी मिश्रा कोई भी साक्ष्य अभिलेख , ठोस उत्तर एवं प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाई।
अतः प्रकरण पर विचार करते हुए श्रीमति रूक्मणी मिश्रा,प्राथमिक शिक्षक,शासकीय प्राथमिक शाला किवलारी,संकुल शास उमावि कन्या पनागर जिला जबलपुर के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की शास्ति अधिरोपित की गई।