प्रशासन,पुलिस और न्यायपालिका पर भी दबाव बनाने की होती है कोशिश : जस्टिस विवेक अग्रवाल
News Investigation "The Real Truth Finder"
✒️ विलोक पाठक
न्यूज़🔍इन्वेस्टिगेशन
जबलपुर पुलिस कंट्रोल रूम में अभियोजन और पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की एससी-एसटी एक्ट कार्यशाला में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने अपने खुलकर विचार व्यक्त किये। वे कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए जस्टिस अग्रवाल ने कहा कि समाज,प्रशासन,पुलिस,यहां तक कि न्यायपालिका पर भी दबाव बनाने की कोशिश होती है,लेकिन ये उस अधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है कि वह उस दबाव का सामना कैसे करे। समाज में विसंगतियां हैं और अच्छाई भी है,लेकिन ये आपके ऊपर निर्भर है कि इन विसंगतियों को छानकर सही चीज को सामने कैसे सामने लाया जाए। उन्होंने कहा कि जब भी कोई अपराध घटित होता है,तो उस मामले के विभिन्न पहलुओं की जांच के साथ-साथ इस बात की भी गहराई से जांच होनी चाहिए की मामला सत्य है या फिर झूठा। जस्टिस अग्रवाल ने कहा, मध्य प्रदेश पुलिस और प्रशासन इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं कि यहां के थानों में अपराध सहज तरीके से दर्ज हो जाते हैं। वरना देश में ऐसे कई राज्य हैं जहां अपराध होने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं होती। यही वजह है कि एनसीआरबी के आंकड़ों में मध्य प्रदेश में अपराधों की संख्या अधिक दिखाई देती है, लेकिन यह चिंता की बात नहीं है बल्कि इससे यह स्पष्ट होता है कि मध्य प्रदेश में अपराधों की रिपोर्टिंग सही है। इस दौरान एससी-एसटी कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे संचालक अभियोजन बी.एल.प्रजापति ने कहा,एससी-एसटी एक्ट के मामलों में पुलिस को संवेदनशीलता के साथ कार्य कर मामले को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए।
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