PM मोदी की लेह अस्पताल दौरे वाली तस्वीर पर उठा विवाद, रक्षा मंत्रालय ने सफाई में कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को अचानक लेह का दौरा किया और जवानों से मिलकर उनकर हौसला बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में घायल हुए सैनिकों से लेह स्थित अस्पताल में मुलाकात की। अस्पताल में ली गई उनकी तस्वीरों को लेकर अब विवाद हो रहा है।
रक्षा मंत्रालय ने दी सफाई
इस बीच रक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा है कि 3 जुलाई को लेह के जनरल अस्पताल दौरे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कुछ लोगों द्वारा दुर्भावनापूर्ण और निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि पीएम ने जिस सुविधा का दौरा किया, वह अस्पताल का हिस्सा है।
मंत्रालय ने कहा, यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सशस्त्र बलों के साथ कैसे व्यवहार किया जाता है, इसको लेकर शक किया जा रहा है। सशस्त्र बल अपने कर्मियों को सर्वोत्तम उपचार देते हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि जिस सुविधा का पीएम ने दौरा किया था, वह जनरल अस्पताल का हिस्सा है। कोरोना संकट को देखते हुए यहां 100 बिस्तरों का प्रबंधन किया गया था।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, इन बहादुर जवानों को गलवां घाटी से लौटने के बाद यहां रखा गया था, ताकि इन्हें कोविड क्षेत्रों से दूर रखा जा सके। सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे और सेना के कमांडर ने भी उसी स्थान पर घायल बहादुरों से मुलाकात की थी।
बता दें कि, लेह में सेना का अस्पताल 1962 से भी पहले से मौजूद है और यहां 300 बिस्तरों की सुविधा मौजूद है। वहीं, कुछ लोगों का मानना था कि प्रधानमंत्री ने गलवां घाटी में झड़प के दौरान घायल हुए जवानों से मिलने की इच्छा जताई, इसलिए एक कॉन्फ्रेंस रूम को वार्ड में तब्दील किया गया था।