गंभीर रोग के मरीज, 65 साल से अधिक व्यक्ति और 10 साल से कम आयु के बच्चे ट्रेन का सफर न करेंः पीयूष गाेयल
नई दिल्ली – श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सवार लोगों की मौत की खबरों के बीच रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों, गर्भवती महिलाओं और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों से अपील की है कि बहुत आवश्यक होने पर ही ये लोग ट्रेन से यात्रा करें। गोयल ने ट्वीट कर कहा, “मेरी सभी नागरिकों से अपील है कि गंभीर रोग से ग्रस्त, गर्भवती महिलाएं व 65 से अधिक व 10 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में बहुत आवश्यक होने पर ही यात्रा करें। रेल परिवार यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”
उनकी यह टिप्पणी बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर अपनी मृत मां को जगाने की कोशिश कर रहे एक बच्चे के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के मद्देनजर आई है। रेल मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर लोगों से अपील की है कि केवल आवश्यक होने पर ही यात्रा करें। बयान में कहा गया, “भारतीय रेल देशभर में कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है, ताकि प्रवासियों की अपने घरों को वापसी सुनिश्चित की जा सके। यह देखा जा रहा है कि कुछ ऐसे लोग भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं जो पहले से ही ऐसी बीमारियों से पीड़ित हैं, जिनसे कोविड-19 महामारी के दौरान उनके स्वास्थ्य को खतरा बढ़ जाता है।” रेलवे ने कहा कि ऐसे कुछ लोगों की सुरक्षा हेतु रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय के आदेश दिनांक 17 मई 2020 के तहत अपील करता है कि पूर्व ग्रसित बीमारी (जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, ह्रदय रोग, कैंसर, कम प्रतिरक्षा वाले) व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए जब तक आवश्यक ना हो रेल यात्रा करने से बचें।
इसने आगे कहा कि नागरिकों को निर्बाध रूप से रेल सेवा मिलती रहे, इसलिए भारतीय रेल का परिवार चौबीसों घंटे,सातों दिन कार्य कर रहा है। रेलवे ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है इसलिए कोई कठिनाई पड़ने पर हेल्पलाइन नंबर 139 और 138 पर संपर्क करने पर हिचकिचाएं नहीं। रेलवे ने फंसे हुए प्रवासी कामगारों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को उनके गंतव्य स्थान भजेने के लिए 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाना शुरू किया था।