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राहुल गांधी का तंज- NEET, JEE Exams वाले छात्र चाहते थे ‘परीक्षा पर चर्चा, प्रधानमंत्री ने की खिलौने पे चर्चा’

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये देशवासियों को संबोधित किया. PM के संबोधन के कुछ समय बाद ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनपर जोरदार हमला बोला. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट कर कहा कि ‘देश में NEET और JEE की परीक्षा देने वाले चाहते हैं प्रधानमंत्री उनके साथ ‘परीक्षा पर चर्चा’ करें, लेकिन प्रधानमंत्री ने देश के लोगों के साथ ‘खिलौने पे चर्चा’ की. बता दें कि देश भर में NEET और JEE परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग हो रही है. राहुल गांधी, मनीष सिसोदिया समेत कई नेताओं ने कोरोना के इस माहौल में परीक्षा करवाने के फैसले पर सवाल उठाए हैं.

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने स्थानीय खिलौनों की समृद्ध भारतीय परंपरा की विस्तृत चर्चा करते हुए मन की बात कार्यक्रम में स्टार्ट-अप एवं नए उद्यमियों से खिलौना उद्योग से बड़े पैमाने पर जुड़ने का आह्वान किया. पीएम मोदी ने कहा कि अब स्थानीय खिलौनों के लिए आवाज बुलंद करने का वक्त आ गया है. आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 68वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है लेकिन इसमें भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है.

उन्होंने कहा, ‘देश में स्थानीय खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है. कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं, लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि विश्व खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है, 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है.’

खिलौनों की विरासत, परंपरा और विविधता की याद दिलाते हुए मोदी ने कहा कि इतनी बड़ी युवा आबादी होने के बावजूद खिलौनों के बाजार में भारत की हिस्सेदारी इतनी कम होना अच्छा नहीं लगता. उन्होंने कहा कि खिलौना उद्योग बहुत व्यापक है. गृह उद्योग हो, छोटे और लघु उद्योग हों, बड़े उद्योग या निजी उद्यमी, सभी इसके दायरे में आते हैं. इसे आगे बढ़ाने के लिए देश को मिलकर मेहनत करनी होगी.

प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप और नए उद्यमियों से खिलौना बनाने का आह्वान करते हुए कहा, ‘अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का समय है. आइए, हम अपने युवाओं के लिए कुछ नए प्रकार के, अच्छी गुणवत्ता वाले खिलौने बनाते हैं. खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी. हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों.’

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