30,000 बैंक कर्मचारियों की छटनी, SBI ने दिया भारी-भरकम झटका
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक अपने कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर लाया है। जीं हां एसबीआई अपने कर्मचारियों की संख्या में भारी-भरकम छटनी करने की तैयारी में है। जिसके चलते एसबीआई से लगभग 30 हजार कर्मचारी एक झटके में बाहर हो सकते हैं।ऐसे में बैंक अब अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना यानी (VRS) लाने की जोर-दार तैयारी में लगा हुआ है।
VRS के लिए एक ड्राफ्ट तैयार
सूत्रों से मिली जानकारी में बताया गया है कि इस योजना से भारतीय स्टेट बैंक के 30190 कर्मचारी बैंक से बाहर हो सकते है। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना यानी (VRS) के लिए एक ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और इसके लिए बोर्ड की इजाजत का इंतजार है।
इस प्रस्तावित स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना यानी (VRS) का नाम सेकेंड इनिंग टैप VRS 2020 है। इससे पहले वर्ष 2001 में एसबीआई ने वीआरएस( VRS) की पेशकश की थी। एसबीआई के कुल कर्मचारियों की संख्या 31 मार्च 2020 तक 2.49 लाख थी, जबकि मार्च 2019 तक यह संख्या 2.57 लाख थी। प्रस्तावित ड्रॉफ्ट के अनुसार, कुल 11565 अधिकारी और 18625 कर्मचारी VRS स्कीम के लिए पात्र होंगे।
बैंक का कहना है कि लागत में कटौती के लिए यह पहल की जा रही है। इससे 2000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी। इसमें कहा गया कि यदि योजना के तहत रिटायरमेंट के योग्य कर्मचारियों में से 30 प्रतिशत भी वीआरएस का विकल्प चुनते हैं तो जुलाई 2020 के वेतन पर आधारित अनुमान के तहत एसबीआई को करीब 1,662.86 करोड़ रुपये की बचत होगी।
वीआरएस के लिए आवेदन स्वीकार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एसबीआई की वीआरएस योजना ऐसे सभी स्थायी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए खुली होगी, जिन्होंने निर्धारित तारीख तक बैंक को 25 साल की सेवा दी होगी या 55 साल की उम्र पूरी कर चुके होंगे। यह योजना इस साल एक दिसंबर से फरवरी 2021 के आखिर तक खुली रहेगी। यानी इसी अवधि में वीआरएस के लिए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
ऐसे में बैंक के जिन कर्मचारियों की वीआरएस का आवेदन स्वीकार किया जाएगा उन्हें वास्तविक रिटायरमेंट तारीख तक बची हुई सेवा अवधि के लिए वेतन(सैलरी) का 50 प्रतिशत एक्स ग्रेशिया के रूप में मिलेगा। इसके अलावा अन्य फायदे जैसे ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि और मेडिकल लाभ भी मिलेंगे।