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31 जनवरी में है गणेश चतुर्थी,  जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, गणेश मंत्र और महत्व

पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 9993652408

माघ मास की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी (संकट चौथ) कहा जाता है। इस दिन महिलायें व्रत रखती हैं। इस दिन माताएं अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत रखती हैं। इस बार संकष्टी चतुर्थी 31 जनवरी को होगी। इस दिन तिलकूट का प्रसाद बनाकर भगवान गणेश जी को भोग लगाया जाता है। इस दिन तिल के लड्डू भी प्रसाद में बनाए जाते है ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि सकट चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पूजन कैसे करे आये जानते हैं विस्तार से-

 कैसे होती है संकष्टी चतुर्थी पूजा

इस दिन माताएं गणेश जी की पूजा कर भगवान को भोग लगाकर कथा सुनती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही गणेश जी का व्रत संपन्न होता है। इस दिन कई जगह तिलकूट का पहाड़ बनाकर उसको भी काटे जाने की परंपरा है। सकट चौथ के दिन गणेश जी के संकटमोचन स्तोत्र का पाठ करना अच्छा माना जाता है। सकट चौथ के दिन भगवान गणेश के साथ चंद्रदेव की पूजा भी की जाती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। रात में चंद्रमा देखने पर अर्घ्य देती हैं और पूजा करती हैं। इस दौरान छोटा सा हवन कुंड तैयार किया जाता है। हवन कुंड की परिक्रमा करके महिलाएं चंद्रदेव के दर्शन करती हैं और अपने बच्चों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।

विशेष पूजा-

गणेश मंत्र का जप करते हुए 21 दूर्वा गणेश जी को अर्पित करनी चाहिए ओर यह मंत्र का जाप करते रहना चाहिए *”ॐ गं गणपतये नमः”* साथ ही भगवान गणेश जी को बूंदी ओर तिल के लड्डूओं का भोग लगाना चाहिए। तिल तथा गुड़ से बने हुए लड्डू तथा ईख, शकरकंद, गुड़ और घी अर्पित करने की महिमा है इस दिन चंद्र उदय रात में 8 बजकर 35 मिनिट पर होगा।

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