ज्योतिषटॉप न्यूज़

वर्ष के राजा होंगे मंगल, मंत्री मंडल में 6 ग्रह शामिल, ये होगा प्रभाव

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा पर 13 अप्रैल को अमृतसिद्धि योग में नव संवत्सर आनंद नामक का आरंभ होगा ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि मंगलवार के दिन सनातन नववर्ष का आरंभ होने से वर्ष के राजा मंगल होंगे। साथ ही मंत्री मंडल में 6 महत्वपूर्ण ग्रह शामिल रहेंगे। इसका प्रभाव देशवासियों को पर्याप्त बारिश व उन्नत खेती के रूप में नजर आएगा। व्यापार में अनुकूलता, चिकित्सकीय प्रयोग में सफलता व विश्व के मध्य भारत की नई पहचान से देशवासी आनंद का अनुभव करेंगे। ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर भारतीय नवसंवत्सर का आरभ होता है। श्रीमद् देवी भागवत में भी सृष्टि के आरंभ का दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को बताया गया है। पंचांग की गणना से देखें तो इस बार 13 अप्रैल मंगलवार को आनंद संवत्सर का आरंभ हो रहा है। मंगलवार के दिन वर्ष का आरंभ होने से वर्ष के राजा मंगल होंगे। मंत्री का पद भी मंगल के पास रहेगा। मैदिनी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देखें, तो नवसंवत्सर का नाम आनंद है, जो जीवन में यथार्थ को अनुभूत कराते हुए उतार चढ़ाव के साथ उच्चतम लक्ष्य को प्राप्त काराएगा।

ऐसा रहेगा राजा मंगल का प्रभाव

नए वर्ष के स्वामी मंगल है, जो ग्रह गोचर में मिथुन राशि पर परिभ्रमण करेंगे। यहां से वह चौथी दृष्टि से कन्या राशि को देखेंगे। साथ ही सातवीं दृष्टि से धनु राशि को तथा आठवीं दृष्टि से मकर राशि को देखेंगे। हालांकि मकर राशि में मंगल उच्च के होते हैं, लेकिन यहां पर मकर राशि पर शनि विराजमान है, इस दृष्टि से मंगल का शनि से खड़ाष्टक संबंध भी बनेगा जो चिकित्सा, तकनीक संचार, नए स्टार्टअप्स, सेना का आधुनिकीकरण, प्रशासनिक परिवर्तन, पुलिस प्रशासन में नवीनता, सामाजिक समरसता आदि से जुड़े मुद्दों पर आमूलचूल परिवर्तन की स्थिति को दर्शाएगा। वैज्ञानिक सृष्टि से सफलता कायम होगी। हालांकि कुछ स्थानों पर विवाद की स्थिति भी निर्मित होगी, किंतु पद प्रभाव के कारण धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी। मंत्री मंगल का फल व्यापार, व्यवासाय में भारी मांग बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। बुद्धिमत्ता व कार्यकुशलता से लोग संचार माध्यम के द्वारा व्यवसाय से लाभ प्राप्त करेंगे।

धान्येश बुध का फल

मैदिनी ज्योतिष में मौसम का कारक ग्रह बुध माना गया है। समय पर वर्षा होने से धान उत्पादन अच्छा होगो। कुछ स्थानों पर खंड वृष्टि के चलते धान के भाव में तेजी दिखाई देगी।

मेघेश चंद्र का फल

सर्वत्र श्रेष्ठ वर्षा होने से प्रचुर मात्रा में खाद्य सामग्रियों का संग्रहण होगा। योजना अनुसार देश में खाद्य प्रशंस्करण उद्योगों की शुरुआत होगी। नारी शक्ति के सम्मान में वृद्धि होगी।

रसेश सूर्य का फल

देश के कुछ स्थानों पर खंड वृष्टि होने से उन जगहों पर धान्य आदि के भावों में वृद्धि होगी। विपरीत परिस्थितियों के कारण कुछ स्थानों पर जनआंदोलन की संभावना बनेगी।

नीरसेश शुक्र का फल

कीमती धातुओं के भावों में वृद्धि होने से एवं शेयर मार्केट की उछाल देखने को मिलेगी। विदेशों में परंपरागत वस्तुओं की मांग और भी बढ़ेगी। इससे भारत को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।

फलेश चंद्र का फल

फल, वनस्पति व औषधि की प्रचुरता से आयुर्वेद के क्षेत्र में नए शोध होंगे। रोगोपाचार में आयुर्वेदिक औषधियों का महत्व फिर से प्रतिपदादित होगा। औषधि निर्माण में भी नए सौपान प्राप्त होंगे।

धनेश गुरु का फल

व्यापार, व्यावाय में प्रगति व आर्थिक वृद्धि होने से लोगों की जीवन शैली में सुधार होगा। जनमानस का आध्यात्म से जुड़ाव होगा। धार्मिक कार्यों में रुची बढ़ेगी।

सेनानायक चंद्र का फल

केंद्र व राज्य शासन में अनुकूलता स्थापित होगी। नए समीकरणों से विशिष्ट कार्य संपन्न् होंगे। इससे जनता प्रसन्न्ता का अनुभव करेगी।।

 

Tags

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
Close
Close