शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में एमआईएस सिस्टम और हेल्प डेस्क कारगर साबित होगी : स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी
प्रदेश के नागरिकों को मिलावट रहित शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में मिलावट से मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इस कड़ी में एमआईएस सिस्टम और हेल्प डेस्क को खाद्य प्रशासन विभाग द्वारा शुरू करना महत्वपूर्ण पहल है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रण, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के ईदगाह हिल्स स्थित कार्यालय में एमआईएस सिस्टम और हेल्प डेस्क का शुभारंभ करते हुए यह बात कही।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि हेल्प डेस्क के माध्यम से एक ओर जहाँ विभागीय गतिविधियों, योजनाओं की जानकारी के संबंध में मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर आम नागरिक अपनी बात भी विभाग तक पहुँचा सकेगा। एमआईएस सिस्टम के माध्यम से विभाग के कार्य में कसावट आएगी। जिलावार और अधिकारीवार कार्यों को सीधे पोर्टल पर प्रदर्शित किया जायेगा, जिससे विभागीय कार्यों की निगरानी, नियंत्रण और समीक्षा के माध्यम से विभागीय कार्यों में तेजी लायी जायेगी। कौन अधिकारी कितने सेम्पल कलेक्ट कर रहा है, किस जिले से कितने सेंपल कलेक्ट हुए आदि की विस्तृत जानकारी इसमें होगी। एमआईएस सिस्टम मेन्यूअल सर्विलेंस सेम्पल एवं चलित खाद्य प्रयोगशाला के माध्यम से जाँच हेतु लिये जाने वाले खाद्य पदार्थों के सर्विलेंस नमूनों की संख्यात्मक जानकारी को भी पोर्टल पर दर्ज करेगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता में की जाने वाली सभी प्रकार की गतिविधियों को भी एमआईएस सिस्टम में सम्मिलित किया गया है। जिला स्तर पर एमआईएस सिस्टम में डाटा एंट्री मुख्यालय खाद्य सुरक्षा अधिकारी और समस्त खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा दर्ज की जायेगी। दर्ज सभी प्रकार की जानकारी का डाटा डेशबोर्ड पर पाई चार्ट, बार चार्ट, लाइन चार्ट के रूप में रहेगा, जो प्रभावी मॉनिटरिंग में सहायक होगा। इस डेटा को पोर्टल पर संभागवार/जिलावार और खाद्य सुरक्षा अधिकारी वार प्रथक-प्रथक दर्शाया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने शिकायत एप के संबंध में बताया कि यह एक वेब आधारित एप है, जिस पर वेबसाइट के माध्यम से कोई भी आम नागरिक अपनी पहचान बताये बिना किसी खाद्य पदार्थ के दूषित होने, मिलावटी खाद्य पदार्थ संबंधी शिकायत अथवा अधिनियम के किसी अन्य प्रावधान के पालन नहीं होने की अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। शिकायत दर्ज होने पर संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पदेन उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन और मुख्यालय खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पंजीकृत ई-मेल पर एमआईएस सिस्टम के द्वारा कार्यवाही के लिये नोटिफिकेशन भेजा जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि खाद्य पदार्थों में मिलावट के विरूद्ध चलाये गये मिलावट से मुक्ति अभियान में अब तक 11 हजार 638 नमूनों की जाँच की गई। मिलावट पाये जाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए 288 मिलावटखोरों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये। इनमें 32 के लिए एनएसए की कार्यवाही की गई। अब तक मिलावटखोरों से 2 करोड़ 3 लाख 97 हजार का अर्थदंण भी वसूल किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि विभागीय प्रयासों से राज्य प्रयोगशाला की जाँच क्षमता 500 सेंपल प्रतिमाह से बढ़ाकर 1700 सेंपल प्रतिमाह की गई है। औषधि प्रयोगशाला की जाँच क्षमता को भी 200 सेंपल से बढ़ाकर 450 सेंपल प्रतिमाह किया गया है। उन्होंने कहा कि सेंपल की विश्लेषण क्षमता बढा़ने के लिये इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में 3 नई प्रयोगशालाओं का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इन प्रयोगशालाओं को इस वर्ष के अंत तक प्रारंभ करने का लक्ष्य तय किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि आम नागरिकों को खाद्य पदार्थों में की जाने वाली मिलावट के संबंध में जागरूक और प्रशिक्षित करने के लिये विभाग द्वारा 9 चलित खाद्य प्रयोगशाला जिलों में संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विभाग को जल्दी ही 3 नई चलित प्रयोगशाला मिलने वाली हैं। चलित प्रयोगशाला में आम नागरिक खाद्य पदार्थों की जाँच नाम मात्र की 10 रूपये की शुल्क देकर करा सकते हैं।
एमआईएस सिस्टम और हेल्प डेस्क शुभारंभ कार्यक्रम में स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी और नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्री पी. नरहरि ने एमआईएस सिस्टम और हेल्प डेस्क के संचालन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।