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अफगान से भागे राष्ट्रपति के भाई ने तालिबान संग हाथ मिलाया

NEWS INVESTIGATION अफगान संकट के बीच अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई हशमत गनी अहमदजई ने कथित तौर पर तालिबान को समर्थन देने की घोषणा की है। कुचिस की ग्रैंड काउंसिल के प्रमुख हशमत गनी अहमदजई ने तालिबान नेता खलील-उर-रहमान और धार्मिक विद्वान मुफ्ती महमूद जाकिर की उपस्थिति में तालिबान के लिए अपने समर्थन की घोषणा की।

पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को बड़ा झटका

तालिबान से डर और अफगानिस्तान छोड़कर भागने वाले पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को बड़ा झटका लगा है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई हशमत गनी अहमदजई अब तालिबान के साथी हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अशरफ गनी के भाई हशमत गनी तालिबानियों के साथ मिल गए हैं और उन्होंने आतंकी संगठन का हर संभवव मदद करने का भरोसा जताया है। बता दें कि काबुल पर तालिबान के कब्जे से ठीक पहले अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए थे।काबुल में तालिबान के कब्जे के बाद से ही फरार अशरफ गनी संयुक्त अरब अमीरात में डेरा जमाए हुए हैं। साथ ही अशरफ गनी वतन वापसी को लेकर बातचीत कर रहे हैं। ऐसे में भाई का दुश्मन तालिबान के साथ मिलना किसी झटके से कम नहीं है। अफगानिस्तान के नाम संदेश में अशरफ गनी ने कहा था कि उन्हें उनकी इच्छा के खिलाफ देश से बेदखल किया गया।

तालिबान पर समझौता तोड़ने का भी आरोप

गनी ने तालिबान पर समझौता तोड़ने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तालिबान ने काबुल में न घुसने का समझौता किया था। उन्होंने कहा कि वह सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण चाहते थे लेकिन उन्हें निकाल दिया गया। अमेरिका अशरफ गनी भले ही अफगानिस्तान लौटना चाहते हैं लेकिन अमेरिका ने कहा है कि वह अब एक अहम नहीं हैं। इधर, इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पुष्टि की है कि अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी उनके देश में हैं। यूएई ने कहा कि उसने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार को मानवीय आधार पर स्वीकार कर लिया है। तालिबान के काबुल के नजदीक पहुंचने से पहले ही गनी देश छोड़ कर चले गए थे।

धन लेकर भागने के आरोप को किया ख़ारिज 

मीडिया रिपोर्ट में ऐसा कहा गया था कि अशरफ गनी चार कारों और एक हेलीकॉप्टर में धन भरकर देश से भागे हैं। हालांकि, यूएई से अफगानिस्तान के नाम संदेश में गनी ने इन अफवाहों को बकवास बताते हुए कहा कि वह जूते तक नहीं बदल पाए और सैंडल में ही रविवार रात को काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन से निकले। गनी ने कहा कि अगर मैं वहीं रहता तो एक बार फिर अफगानिस्तान के एक चुने हुए राष्ट्रपति को अफगानों की आंखों के सामने फांसी पर लटका दिया जाता। गनी पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नजीबुल्लाह के संदर्भ में ऐसा कह रहे थे, जिनका शव 27 सितंबर 1996 को काबुल में एक खंभे से लटका मिला था।

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