चैत्र नवरात्र -इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी माँ भगवती, जानिए माँ के हर वाहन का महत्व और प्रभाव
पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 9993652408
चैत्र नवरात्र में कुछ ही दिन बचे हैं नवरात्रि पर्व 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो रहे हैं | ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस बार माँ भगवती घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं, हिंदू शास्त्र में मां जगदंबे के हर वाहन का अलग – अलग महत्व बताया गया है। वर्ष में दो बार आने वाले नवरात्र में हर बार मां नए वाहन पर धरती पर आगमन करती हैं और नए वाहन पर ही धरती से देवलोक को प्रस्थान लेती है। इन वाहनों का देश दुनिया और धरती पर बड़ा असर पड़ता है। चलिए जानते हैं कि मां के वाहन क्या हैं औऱ उनका देश दुनिया से क्या संबंध है।
हिंदू धर्म में यूं तो देवी मां को हमेशा शेर पर ही सवार देखा गया है लेकिन नवरात्र के मौके पर मां अलग अलग वाहन पर सवार होकर धरती पर आती हैं।
मां के वाहन हैं – डोली, नाव, घोड़ा, भैंसा, मनुष्य और हाथी।
दिन के आधार पर तय होता है मां का वाहन:- ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार नवरात्र सोमवार या रविवार से शुरू हो रहे हैं तो मां का वाहन हाथी होता है।
यदि नवरात्र शनिवार या मंगलवार से शुरू होते हैं तो मां का वाहन घोड़ा होता है।
अगर नवरात्र गुरुवार या शुक्रवार से शुरू होते हैं तो मां डोली में बैठकर आती हैं।
ओर नवरात्र बुधवार से आरंभ हो रहे हैं तो मां नाव पर सवार होकर आती है।
किस वाहन का क्या असर–
इन तथ्यों को बाकायदा देवी भागवत के एक श्लोक के जरिए बताया गया है।
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता ।।
अर्थात जब मां हाथी पर सवार होकर धरती पर आती हैं तो ज्यादा पानी बरसता है, घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो युद्ध के हालात पैदा होते हैं, नौका पर सवार होकर आती हैं तो सब अच्छा होता है और शुभ फलदायी होता है। अगर मां डोली में बैठकर आती हैं तो महामारी, संहार का अंदेशा होता है।
इस बर्ष यानी 2022 के चैत्र नवरात्र में देवी मां घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं और इसका अंदेशा युद्ध की संभावना से बन रहा है। आप सभी जानते ही हैं कि इस वक्त दुनिया के दो देशों रूस और यूक्रेन के बीच भयंकर युद्ध हो रहा है और कई अन्य देश इसकी तकलीफें भोग रहे है।