जबलपुर – न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में लगी आग, 8 लोगों की मौत
By – Vilok Pathak
जबलपुर / N I / निजी अस्पताल न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी में सोमवार को लगभग पोने तीन बजे आग लग गई | आग इतनी भयावह थी कि इसमें कई लोगों की मौत हो गई | सूत्रों के अनुसार जनरेटर चालू करते समय किसी स्विच से आग लगना बताया जा रहा है । आग लगने के कारण लोग इधर -उधर भागने लगे, अस्पताल से बाहर निकलने के लिए एक ही गेट था, जिसके कारण कुछ लोग सीढ़ियों में फंस गए, आग भड़कती गई और सीढ़ियों तक पहुंच गई जिससे आग की चपेट में आने से कई लोग बुरी तरह से जल गए। 8 लोगों कि मौत के साथ कई लोगों के घायल होने कि खबर है |आग लगने की सूचना पाते ही नगर निगम के 6 दमकल वाहन भी पहुंच गए और आग बुझाने में जुट गए। इस अफरा तफरी में कुछ लोग गिर कर घायल भी हो गए। उक्त घटना की सूचना पाकर पुलिस भी पहुंच गई और अस्पताल में आग से घिरे नौ लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है, लेकिन इस भीषण आग में पूरा अस्पताल जलकर खाक हो गया है। अस्पताल में भर्ती मरीज भी दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किए गए हैं। उक्त घटना की सूचना पाकर कलेक्टर, एसपी, महापौर, नगर निगम के अमले सहित जिला प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य करने में जुट गई |
मौतों ने खड़े किये सवाल
शहर में कुकर मतों की तरह पनपे इन अस्पतालों में आकस्मिक व्यवस्थाओं के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति होती है । यदि इस अस्पताल में आग से निपटने की सुविधा होती तो शायद निर्दोष अपनी जान ना गंवाते । प्रशासनिक जांच के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति होने से आज कई घर उजड़ गए । इस हादसे में मृत लोगों की आत्माएं वह सारे सवाल उन जिम्मेदारों से कर रही हैं जो अपने शासकीय पद के मद में चूर होकर अपनी अकर्मण्यता के लिए निर्दोषों की मौत का कारण बनते है ।
जिम्मेदारों पर हो कारवाई
इस अस्पताल में हुई मौतों के लिए वह सभी लोग जिम्मेदार हैं जो इसके संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इस के साथ वह विभाग भी जिम्मेदार हैं जो इनको उन तमाम व्यवस्थाओं के लिये NOC प्रदान करते हैं । आखिर समय-समय पर इंस्पेक्शन करने वाले स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को यह सब क्यों नहीं दिखा । यदि अस्पताल में सही तरीके से इंस्पेक्शन किया जाता तो शायद यह दुखद हादसा नहीं होता । इस हादसे और लापरवाही के दो ही कारण हो सकते हैं ….पहला जिम्मेदारों ने या तो अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक तरीके से नहीं किया ….. दूसरा उन्होंने कदाचरण के चलते अपनी आंखें मूंद ली थी….. बहरहाल जो भी हो परंतु स्वास्थ्य विभाग और व्यवस्थाओं से जुड़े उन तमाम आला अधिकारियों पर भी FIR दर्ज हो जो इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार हैं