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कलेक्टर ने दी महाराजपुर तालाब को माफिया से मुक्त कराने के लिए अनुविभागीय अधिकारी आधारताल को सुनवाई की अनुमति

जबलपुर – जबलपुर के ऐतिहासिक माढोताल को भू-माफिया से मुक्त कराने के बाद तालाबों के सरंक्षण के प्रति संवेदनशील कलेक्टर डॉक्टर इलैयाराजा टी ने महाराजपुर स्थित खसरा नंबर 231 जो कि वर्ष 1910 में पानी मद में दर्ज था तथा इस खसरे का कोई भूस्वामी नहीं था को पुनः शासन मद में दर्ज करने के अनुविभागीय अधिकारी अधारताल के प्रतिवेदन पर मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 115 के तहत सुनवाई हेतु प्रारंभिक अनुमति प्रदान कर दी है।
अपर कलेक्टर एवं एसडीएम आधारताल नमः शिवाय अरजरिया ने बताया कि खसरा नंबर 231 जिसका वर्ष 1910 में खसरा क्रमांक 314 था का कुल रकबा 4.15 एकड़ है। चकबंदी के उपरांत वर्ष 1967-68 में इस खसरे के तत्कालीन अधिकारी एवं हल्का पटवारियों से मिलीभगत कर भू माफिया द्वारा विभिन्न बटांक करा लिए गए थे। मौके पर लगभग 4 एकड़ पर अभी भी तालाब स्थित है। किनारों पर 5 से 6 भवन भी बने हुए हैं। चकबंदी के उपरांत सर्वप्रथम भगवानदास पुत्र भैयालाल, कुंज बिहारी पुत्र भगवान दास द्वारा इस खसरे पर सांठगांठ कर अपना नाम दर्ज करा लिया था। वर्तमान में इस खसरे पर शांति बाई वेवा संपत, दीन मोहम्मद पिता नूर मोहम्मद आदि के नाम दर्ज हैं।
अपर कलेक्टर ने श्री अरजरिया ने बताया कि कलेक्टर द्वारा प्रदान की गई अनुमति के बाद हितबद्ध पक्षकारों को नोटिस जारी कर अनुविभागीय अधिकारी आधारताल के न्यायालय में 9 नवम्बर को सुनवाई होगी। इस कार्रवाई से भू-माफियाओं में हड़कंप की स्थिति विद्यमान है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में माढ़ोताल तालाब की भूमि को भू-माफिया से मुक्त कराने की कार्यवाही के तहत न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी आधारताल द्वारा तालाब की भूमि को शासन के मद में दर्ज करने के आदेश दिये थे । आदेश में तालाब को एक अखंड एवं जीवंत इकाई बताते हुये कहा था कि जीवंत एवं अखंड इकाई के बटांक नहीं किए जा सकते हैं। इसी आधार पर महाराजपुर तालाब के प्रकरण में आगे सुनवाई कर कार्यवाही संपादित की जायेगी।

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