अपराध समीक्षा बैठक में डीआईजी ने दिए निर्देश,बदमाशों के विरूद्ध की जाये एनएसए की कार्यवाही
◆ विलोक पाठक
न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन / शहर में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने को लेकर डीआईजी तुषार कांत विद्यार्थी ने आज एक अपराध समीक्षा बैठक में सख्त निर्देश दिए । इन निर्देशों में कहा कि चिन्हित गम्भीर अपराध में हर हाल में आरोपी को उसके किये की सजा होनी चाहिये, इस हेतु विवेचना मे किसी भी प्रकार की कोई ,त्रुटि न हो इसका ध्यान रखें। एफआईआर से लेकर , गिरफ्तारी, चालान ही मुख्य कार्यवाही नहीं है, प्रकरण के विचारण के दौरान फालोअप करते हुये समय पर गवाहों को मान्नीय न्यायालय के समक्ष पेश करें ताकि प्रकरण का निराकरण शीघ्र हो सके। लंबित एस.सी., एस.टी. के प्रकरणों की आपके द्वारा समीक्षा करते हुये निकाल के सम्बंध मे आवश्यक दिशा निर्देश दिये गए तथा आदेशित किया कि पीड़ित को तत्काल राहत राशि समय पर दिलायें। चाकूबाजों एवं गुण्डे बदमाशों पर उनके आपराधिक रिकार्ड को ध्यान में रखते हये सभी के विरूद्ध प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही जिला बदर,एनएसए की करें। सी.एम. हैल्प लाईन एवं वरिष्ठ कार्यालयों से प्राप्त लंबित शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर त्वरित संतुष्टीकारक निराकरण किया जाये।
पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध लंबित विभागीय जांच के प्रकरणों मे भी समय-सीमा निर्धारित कर उनका निराकरण करने के निर्देश दिये। उच्च न्यायालय से प्राप्त नोटिस समंस, वारंट की तामीली हेतु टीम बनाकर समय पर तामीली करायें। इसके साथ ही डीआईजी ने कहा कि थाने में कोई पीडित अपने आपको असहाय समझ कर आता है, उसकी अपेक्षा होती है कि जो भी कानूनी प्रावधानो के तहत कार्यवाही बनती है की जाये, आपका भी दायित्व बनाता है कि उसे सौहाद्रपूर्ण माहौल दे तथा पीडित की समस्या को ध्यान से शालीनता पूर्वक सुनें और तत्काल विधिसम्मत कार्यवाही करते हुये उसे राहत पहुंचायें। अधिकारियों को निर्देशित करते हुए डीआईजी ने स्पष्ट कहा कि आपकी कार्यवाही से आम नागरिकों में पुलिस के प्रति सुरक्षा का भाव हो तथा असमाजिक तत्वों, गुण्डे बदमाशों में पुलिस का खौफ होना चाहिये। इस अपराध समीक्षा बैठक में जबलपुर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाक्षी सक्सेना,समर वर्मा,प्रदीप शिंदे,सूर्यकांत शर्मा सोनाली दुबे सहित राजपत्रित अधिकारी एवं थाना प्रभारी मौजूद रहे।