दिल्ली के 3 हज़ार होटलों में अब चीनी नागरिकों की नो इंट्री, 20 जवानों के शहीद होने पर लिया बड़ा फैसला
नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देश भर में आक्रोश व्याप्त है और इसे लेकर दिल्ली के सभी होटल कोराबारियों में भी काफी नाराजगी है. दिल्ली होटल रेस्टोरेंट एंड ओनर्स एसोसिएशन (डीएचआरओए) ने आज एक बड़ा निर्णय लिया, जिसमे दिल्ली के बजट होटल और गेस्ट हाउस में अब किसी भी चीनी व्यक्ति को ठहराया नहीं जाएगा. दिल्ली में लगभग 3000 बजट होटल और गेस्ट हाउस हैं जिनमें लगभग 75 हजार कमरे हैं.
दिल्ली होटल एवं रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के महामंत्री महेंद्र गुप्ता ने बताया, “कैट ने देश भर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान चलाया है. उसमें दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस व्यवसायी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे और उसी को देखते हुए हमने यह फैसला किया है की अब से दिल्ली के किसी भी बजट होटल अथवा गेस्ट हाउस में किसी भी चीनी व्यक्ति को ठहराया नहीं जाएगा.” उन्होंने बताया, “हम इतनी जल्दी इस फैसले को वापस नही लेंगे. हम आत्मनिर्भर हो रहे हैं. हम अपने होटल्स में किसी भी तरह के चीन के फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक लाइट्स और अन्य वस्तुओं का इस्तेमाल भी नही करेंगे. पहले ही हमारे देश को कोरोना की वजह से इतना नुकसान हो चुका है.”
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने इस फैसले का स्वागत भी किया है. प्रवीण खंडेलवाल ने बताया, “इससे यह स्पष्ट है की कैट के चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के आह्वान से देश के विभिन्न वर्गों के लोग जुड़ रहे हैं. इसी सिलसिले में कैट अब ट्रांसपोर्टर, किसान, हॉकर्स, लघु उद्योग, उपभोक्ता स्वयं उद्यमी, महिला उद्यमी के राष्ट्रीय संगठनों से संपर्क कर उन्हें भी इस अभियान से जोड़ेगा.”