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जिन लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिखते, उनका भी टेस्ट जरूरी : डब्ल्यूएचओ

जेनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि विभिन्न देशों को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का पता लगाने के लिए उन लोगों की भी जांच करनी चाहिए, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं । यह रुख अमेरिका द्वारा अपनी नीति में हाल में किए गए बदलाव के विपरित है। इससे पहले अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए कहा था कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आए ऐसे लोग जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं है, उनकी जांच करने की आवश्यकता नहीं है। कोरोना के लिए डब्ल्यूएचओ की प्रौद्योगिकी प्रमुख मारिया वान केरखोवे ने कहा कि  जांच का दायर बढ़ाना चाहिए तथा उन लोगों की भी जांच होनी चाहिए जिनमें संक्रमण के लक्षण या तो बहुत हल्के हैं या फिर हैं ही नहीं।
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र की नीति में बदलाव से पहले स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से यह कहा गया था कि संक्रमित लोगों के 1.8 मीटर के दायरे में 15 मिनट से अधिक समय तक जो भी व्यक्ति आया है उसकी जांच की जाएगी। हालांकि अब नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक संक्रमित लोगों के करीबी संपर्क में आए लोगों में यदि संक्रमण के लक्षण नहीं हैं तो उन्हें जांच करवाने की आवश्यकता भी नहीं है। केरखोवे ने कहा यह आवश्यक है कि जांच को एक अवसर की तरह लिया जाए, ताकि संक्रमित लोगों को अलग किया जा सके, उनके संपर्कों का पता लगाया जा सके। संक्रमण फैलने की कड़ी को तोड़ने के लिए यह बुनियादी जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि लोग अब सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे। केरखोवे के मुताबिक मास्क पहनने के बाद भी कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखना जरूरी है।

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