महाशिवरात्रि पर्व पर, बन रहे कई खास योग, इन चार शुभ मुहूर्त में अभिषेक कर भोलेनाथ को करें प्रसन्न
पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 9993652408
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस साल भोले बाबा का महापर्व महाशिवरात्रि 11 मार्च को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशीयुक्त चतुर्दशी तिथि को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन विशेष रूप से शिवयोग और सिद्धि योग रहेगा। नक्षत्र घनिष्ठा रहेगा। चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेगा। भगवान शिव के महापर्व को लेकर शहर के शिव मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन शिवलिंग का पंचोपचार पूजन और रात्रि जागरण विशेष फलदायी होता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना कई गुना अधिक फल देती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से युवतियों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। आचार्य पं. नरेन्द्र जी ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की चार पहर की विशेष पूजा का महत्व है। निशि काल में पूजा 11 मार्च की रात 12 बजकर 15 मिनट से करीब एक बजे तक रहेगी।
भगवान शिव और पार्वती का विवाह- पुराणों में वर्णन है कि भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था। भगवान शिव के विवाह में सिर्फ देव ही नहीं दानव, किन्नर, गंधर्व, भूत, पिशाच भी इस विवाह में शामिल हुए थे। इसलिए इसमें चार पहर की पूजा अधिक फलदायी होती है।
महाशिवरात्रि की पूजा का मुहूर्त
प्रथम रात्रि पहर 11 मार्च शाम साढ़े छह बजे से रात साढ़े नौ बजे तक।
रात्रि द्वितीय पहर 11 मार्च रात साढ़े नौ बजे से साढ़े 12 बजे तक।
रात्रि तृतीय पहर 11-12 मार्च रात साढ़े 12 बजे से तीन बजकर 40 मिनट तक।
शिवरात्रि पारण समय 12 मार्च सुबह साढ़े छह बजे से शाम तीन बजे तक।
शिव पूजन और रूद्राभिषेक- महाशिवरात्रि पर शिवलिंग को गंगाजल, दूध, घी, शहद और शक्कर के मिश्रण से स्नान करवाया जाता है, फिर चंदन लगाकर फल-फूल, बेलपत्र, धतूरा, बेर इत्यादि अर्पित किए जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन रूद्राभिषेक से कई लाभ मिलते हैं।
बुध ग्रह का राशि परिवर्तन- ज्योतिषाचार्य पंडित नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि जीवन में होने वाले परिवर्तनों के कारक बुध ग्रह महाशिवरात्रि को राशि परिवर्तन करेंगे। बुध ग्रह का मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर होगा। 11 मार्च सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट से बुध ग्रह मार्गी होकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे |