नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण में एसआईटी की टीम ने कसा शिकंजा
✍️ विलोक पाठक
जबलपुर / नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण में एसआईटी की टीम पूरी तरह से शिकंजा कसते जा रही है । मुख्य आरोपी सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के साथी देवेश चौरसिया की 5 दिन की रिमांड समाप्त हो गई है । उल्लेखनीय है कि गुजरात पुलिस इस पूरे प्रकरण में पूछताछ करने के लिए जल्द ही शहर पहुंचेगी जिसके बाद देवेश चौरसिया को दोबारा रिमांड में लिया जाएगा।
◆ अस्पताल के रिकार्ड खंगाल रही पुलिस
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि सिटी अस्पताल के कम्प्यूटराइज्ड डाटा की जांच पड़ताल की जाएगी। डाटा रिकवर करने के लिए एक्सपर्ट की टीम करेगी। दो सदस्यीय टीम में एएसपी स्तर के एक अधिकारी हैं, कम्प्यूटर के हार्डवेयर जब्ती करेगी । जिसका एक्सपर्ट की मदद से डाटा रिकवर किया जाएगा। और यह एसआईटी की जांच में यह एक महत्वपूर्ण साक्ष्य साबित होगा। इस प्रकरण में एसआईटी की टीम कहीं से चूक नहीं करना चाहती है। आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य एकत्रित करने के लिए टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी के तहत एसआईटी की टीम अस्पताल पहुंचकर एकाउंट और इंजेक्शन के लिए दिए गए बिलों की जांच भी शामिल की जाएगी ।
◆ नकली इंजेक्शन डिस्पोज़ किये जाते थे
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी के अनुसार देवेश चौरसिया और मोखा की पत्नी-मैनेजर से पूछताछ में सामने आया है कि बड़ी मात्रा में उन्होंने नकली इंजेक्शनों को डिस्पोज किया है। इसी आधार पर एसआईटी की एक टीम ने अस्पताल और मोखा के खाली प्लाट की जांच की थी । जहां से इंजेक्शन और खाली सीसिायां बरामद हुई हैं जो कि महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं ।
◆ बेटे पर इनाम घोषित….
गौरतलब है कि मामले में सरबजीत सिंह मोखा का बेटा हरकरण मोखा अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है और लंबे समय से फरार है । जिसके चलते जबलपुर एसपी ने इनाम घोषित किया है, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के अनुसार उस पर 5000 रु का इनाम घोषित किया है । बताया जा रहा है कि इस पूरे कांड में हरकरण सिंह मुख्य आरोपी है जिसकी पुलिस को तलाश है……
बहरहाल जो भी हो इस कांड में इतने गम्भीर आरोपों के बाद अब पुलिस से जनता को कई उम्मीदें है ।