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भिंड में जेल सुरक्षा पर सवालिया निशान

रोकने के बावजूद ड्रोन से ली गयी तस्वीरें....

योगेश चौधरी -न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन

भिण्ड-हाल ही में जम्मू कश्मीर में ड्रोन की मदद से किए गए ब्लास्ट का मामला ठंडा भी नही हो पाया उससे पहले ही  की बड़ी तस्वीर सामने आयी है.. शनिवार को हादसे के बाद जहां वर्तमान जेल के ऊपर ड्रोन कैमरा चलाकर जेल का पूरा ब्लूप्रिंट क़ैद किया गया वहीं नयी जेल की सुरक्षा भी अब ख़तरे में हैं क्यूँकि ड्रोन के ज़रिए इसकी भी तस्वीरें ली गयी हैं जिसकी जानकारी किसी ज़िम्मेदार अधिकारी को नही है.. ऐसे में कहा जा सकता है की जेल सुरक्षा में सीधी सेंध है. हालाँकि इस मामले पर मप्र विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इसे बड़ी चूक बताते हुए दोषियों को किसी हाल में बख्शा ना जाने की बात कही वही भिंड कलेक्टर महज जाँच की बात कहते नज़र आए है.

भिंड जेल हादसे से प्रशासन में हड़कम्प

शनिवार को हुई तेज बारिश के चलते भिंड ज़िला जेल का एक बड़ा हिस्सा ढह गया था जिससे बैरक में मौजूद 21 क़ैदी गम्भीर घायल हो गए थे इस हादसे के बाद घायलों को ज़िला अस्पताल में भर्ती और अन्य क़ैदियों को ग्वालियर जेल में शिफ़्ट कर दिया गया. हादसे के बाद लगातार अधिकारियों के दौरे जारी हैं. मामले में पीडबल्यूडी और जेल विभाग में भी खींचतान मची हुई है.

रोकने के बावजूद ड्रोन से ली गयी तस्वीरें

प्रदेश में ख़ासकर सुरक्षा सम्बन्धी प्रतिबंधित क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी है. किसी कारण वश अगर ड्रोन उड़ाया भी जाता है तो इसके लिए प्रशासन से विशेष अनुमति ली जाती है. हादसे के समय मौजूद थे कुछ लोगों ने बताया था कि जेल हादसे के बाद जिस वक्त अफ़रा तफ़री का माहौल था पूरा प्रशासन और पुलिस मौक़े पर हालत क़ाबू करने में लगी थी उसी दौरान एक शख़्स अपना ड्रोन कैमरा लेकर जेल पर पहुँचा था लेकिन जब उसने ड्रोन उड़ाने का प्रयास किया तो उसे भिंड पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने टोकते हुए ड्रोन ना उड़ाने की हिदायत थी साथ ही चेतावनी भी दी की यह प्रतिबंधित क्षेत्र है यहाँ ड्रोन उड़ता नही दिखना चाहिए. बावजूद इसके उस शख्स ने दोपहर 3 से 4 बजे के समय जब सभी अधिकारी नयी जेल का निरीक्षण करने गए उस दौरान वर्तमान जेल का पूरा विडीओ एरियल व्यू यानी ऊपर से उसकी तस्वीरें ड्रोन कैमरे की मदद से रिकोर्ड की बात यही नही रुकी इसके बाद नयी निर्माणाधीन जेल पहुँचकर भी उसने ड्रोन की मदद से नई जेल की तस्वीरें कैप्चर की और जेल के सभी सुरक्षा घरों की जानकारी कैमरे में क़ैद कर ली. किसी अधिकारी को इस बात को भनक तक नही लगी और वे तस्वीरें मीडिया में भी वायरल कर दी.

बड़ी शज़िश में मददगार साबित हो सकती है तस्वीरें

जेल के ऊपर से ली गयी तस्वीरों के ज़रिए उसका पूरा ब्लूप्रिंट यानी बनावट का नक़्शा कमेरे में क़ैद कर उजागर कर दिया गया यह सुरक्षा दृष्टि से जेल एक प्रतिबंधित क्षेत्र माना जाता है क्यूँकि यहाँ अपराधी और क़ैदियों को रखा जाता है जिसके लिए जेल द्वारा विशेष सुरक्षा इंतज़ाम किए जाते हैं जिस वजह से जेल में कैमरा भी प्रतिबंधित होता है. प्रदेश की सेंट्रल जेल के जेलर का भी कहना है की जेल सुरक्षा कारणों से इसे प्रतिबंधित माना जाता है यदि कोई इस सुरक्षा व्यवस्था को लीक करता है या उजागर करता है तो यह एक अपराध की श्रेणी में हाई माना जाएगा. हाल में जम्‍मू में भारतीय वायु सेना पर अटैक करने के लिए ड्रोन इस्‍तेमाल किया गया था. इसी तरह जेल का ब्लूप्रिंट उजागर होने पर कोई भी शज़िश करने या बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए इन तस्वीरों की मदद ले सकता है. क्यूँकि  यह जानकारी एक तरह से सार्वजनिक हो गयी है.

अब जाँच पर नज़र  

जेल हादसे को लेकर पहले ही जाँच गठित हो चुकी है और अब यह सुरक्षा में सेंध का मामला भी सामने आने के बाद हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सतना में कहा  है की यह सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक है इसके लिए किसी भी ज़िम्मेदार को बख्शा नही जाएगा. वहीं इस मुद्दे पर भिंड कलेक्टर ने भी जाँच की बात कही है लेकिन कब तक यह जाँच होगी ये कहना भी अभी मुश्किल है. हालाँकि पूर्व में भी अधिकारी कई बार इस तरह जाँच के बयान देते रहे हैं लेकिन इनका नतीजा अधर में रह जाता है ।

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