नगर निगम सहित आसपास के संस्थानों से मंगाई गई फायर फायटरों से बुझी भीषण आग….
35 से 40 गाड़ियां लगी थी आग बुझाने मैं
जबलपुर
मदन महल महानद्दा से लगे लकड़ी की टाल में देर रात अचानक ही भीषण आग लग गई, मामूली रूप से शुरू हुई आग ने कुछ ही मिनट में एक अन्य टाल और बाजू से लगे सर्जिकल सामान के गोदाम को अपने आगोश में ले लिया, सूचना के बाद मौके पर पुलिस प्रशासन और बिजली विभाग का अमला भी पहुंच गया, बिजली विभाग के अमले ने तुरंत ही इलाके की विद्युत व्यवस्था को आ प्रभावित कर दिया, देखते ही देखते आग इतनी भीषण हो गई कि मौके पर पहुंचे दमकल विभाग के वाहन भी आग पर काबू पाने में असफल हो गए,
ऐसा नहीं है कि टाल में आग लगने की घटना पहली मर्तबा हुई है इससे पहले भी कई बार यहाँ टालो में आग लग चुकी है पर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया लिहाजा आज एक बार फिर पुनः वही घटना कि पुनरावृत्ति हुई , महानद्दा इलाका शहर का सबसे घना इलाका बताया जा रहा है और इसी क्षेत्र में काफी सालों से टाल का व्यवसाय भी चल रहा हैं , बताया जा रहा है कि आग लगने से जहां टाल में रखी लकड़ियां पूरी तरह से जलकर खाक हो गई है तो वहीं सर्जिकल का गोदाम भी पूरी तरह से जल गया है
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक आग लगने का कारण अज्ञात बताया जा रहा है आपकी विकरालता इसी से साबित होती है कि जब नगर निगम की फायर बिग्रेड आग पर काबू नहीं पा पाए तो आसपास की संस्थानों से भी फायर बिग्रेड मंगाना पड़ी लगभग 35 से 40 गाड़ियां बिग्रेड की इस आग में उपयोग की गई, पूर्व में भी जब क्षेत्र में आग लगी थी तो प्रशासन ने आनन-फानन में करवाई का मन बना लिया था, परंतु जैसे ही घटना बीत जाती है उसके बाद प्रशासन की चाल धीमी हो जाती है और नतीजा शून्य हो जाता है, प्रशासन यदि सुरक्षा उपायों की जांच करें तो बहुत ही खामियां उजागर हो सकती हैं, आखिर बारूद के ढेर पर बैठे क्षेत्रीय नागरिकों का कसूर क्या है, कब तक प्रशासन की लापरवाही को झेलते रहेंगे …