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देवों की दीपावली है कार्तिक पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 9993652408

पौराणिक कथा के अनुसार, देवता अपनी दीपावली कार्तिक पूर्णिमा की रात को ही मनाते हैं ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि यह सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है कार्तिक पूर्णिमा इस दिन वाराणसी में धूम रहेगी व माँ गंगा दीपों से सजी रहेगी शास्त्री जी ने बताता कि कार्तिक पूर्णिमा में स्नान और दान को अधिक महत्व दिया जाता है। इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं, कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है, माना जाता है कि इस दिन दीप दान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं…

कार्तिक पूर्णिमा 2021 तिथि

ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर 2021 को मनाई जाएगी, पूर्णिमा तिथि 18 नवंबर को दोपहर 12:03 बजे से शुरू होकर 19 नवंबर को दोपहर 2: बजकर 29 मिनिट में समाप्त हो रही है इसलिए इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 19 नवम्बर 2021 में मनाई जाएगी।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व-

ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव जी ने त्रिपुरारी का अवतार लिया था और इस दिन को त्रिपुरासुर के नाम से जाना जाने वाले असुर भाइयों की एक तिकड़ी को मार दिया था, यही कारण है कि इस पूर्णिमा का एक नाम त्रिपुरी पूर्णिमा भी है। इस प्रकार अत्याचार को समाप्त कर भगवान शिव जी ने शांति बहाल की थी इसलिए, देवताओं ने राक्षसों पर भगवान शिव जी की विजय के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस दिन दीपावली मनाई थी, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव जी की विजय के उपलक्ष्य में, काशी (वाराणसी) के पवित्र शहर में भक्त गंगा के घाटों पर तेल ओर घी के दीपक जलाकर और अपने घरों को सजाकर देव दीपावली मनाते हैं।

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