सुरक्षा इंतजामों को लेकर कलेक्टर सख्त : निजी नर्सिंग होम संचालकों की बैठक में दिए निर्देश
जबलपुर – कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आज आयोजित बैठक में निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम संचालकों से अपने संस्थानों में सुरक्षा के सभी इंतजामों को सुनिश्चित करने तथा नियमित अंतराल से फायर ड्रिल आयोजित करने एवं फायर सेफ्टी आडिट कराने के निर्देश दिये गये हैं ।
बैठक में अस्पताल संचालकों से कहा गया कि वे फायर अलार्म सिस्टम को दुरुस्त रखें, अग्निशमन यंत्रों तथा इलेक्ट्रिकल मशीनरी के उपकरणों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें, अपने स्टॉफ को अग्निशमन यंत्रों के इस्तेमाल की तथा राहत एवं बचाव कार्य का अनिवार्यतः प्रशिक्षण भी दें ।
कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने बैठक में कहा कि न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल जैसी घटनाएं दुबारा न हो इसके लिये प्रशासन पुरी तरह सजग है । उन्होंने कहा कि मरीजों की सुरक्षा से समझौता किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा । निजी अस्पतालों को अब पंजीयन या पंजीयन के नवीनीकरण के लिये सभी औपचारिकताएँ हर हाल में पूरी करनी होगी । जो अस्पताल औपचारिकतायें पूरी नहीं करेंगे उनका पंजीयन निरस्त किया जायेगा ।
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि ऐसे निजी अस्पताल जिनकी प्रोविजनल फायर एनओसी एक्सपायर हो गई है और उसके द्वारा टेम्पररी एनओसी नहीं ली गई है उन्हें बंद कराया जाएगा । उन्होंने ऐसे निजी अस्पतालों को नये मरीजों को भर्ती न करने के निर्देश दिये हैं । डॉ इलैयाराजा ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी सभी निजी अस्पतालों का निरीक्षण कर रहीं है । निरीक्षण के दौरान बताई गई कमियों को भी निजी अस्पतालों को दूर करना होगा अन्यथा संबंधित अस्पताल का पंजीयन निरस्त किया जाएगा ।
◆ सेफ्टी ऑडिट कराना होगा
कलेक्टर ने बैठक में ट्रेनिंग, ड्रिल एवं कैपेसिटी बिल्डिंग पर जोर देते हुये कहा कि अस्पताल संचालकों को अग्निशमन यंत्रों व इलेक्ट्रिकल मशीनरी की गुणवत्ता के साथ-साथ तय समय पर फायर सेफ्टी आडिट एवं इलेक्ट्रिकल सेफ्टी आडिट भी कराना होगा । उन्होंने कहा कि अस्पतालों में नियमित अन्तराल पर से न केवल फायर ड्रिल का आयोजन हो बल्कि इस दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के उपाय भी किये जायें । कलेक्टर ने कहा कि स्टाफ की ट्रेनिंग और लगातार अभ्यास से दुर्घटनाओं के समय राहत एवं बचाव कार्य बेहतर तरीके से संचालित किये जा सकेंगे ।
बैठक में अस्पतालों में आग से सुरक्षा तथा राहत एवं बचाव के उपायों की जानकारी एनडीआरएफ टीम द्वारा पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से दी गई । एनडीआरएफ टीम के सदस्यों ने अस्पताल संचालकों को अग्निशमन यंत्रों के इस्तेमाल के तौर तरीके बताये । अस्पताल के स्टॉफ को इसका विधिवत प्रशिक्षण देने पर जोर दिया । अग्निशमन यंत्रों के रखरखाव पर ध्यान दिये जाने की जरूरत बताई गई तथा नियमित रूप से मॉक ड्रिल आयोजित करने पर जोर दिया गया ।
नगर निगम की ओर से भी फायर एन ओ सी प्राप्त करने और इसके लिये जरूरी औपचारिक्ताओं की तथा प्रोविजनल, टेम्परेरी एवं परमानेंट फायर एनओसी के प्रावधानों की जानकारी दी गई । बैठक में बिल्डिंग कम्प्लीशन सर्टिफिकेट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी के मुद्दे पर भी चर्चा की गई । विद्युत सुरक्षा विभाग की ओर से भी अस्पतालों में विद्युत भार के अनुरूप वायरिंग, वायरिंग एवं विद्युत उपकरणों की सुरक्षा, अर्थिंग तथा विद्युत उपकरणों के मेंटेनेंस आदि पर भी जोर दिया गया
बैठक में अस्पताल संचालकों की ओर से न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल जैसी दुर्घटना को रोकने प्रशासन को हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया । अस्पताल संचालकों ने इस बारे में कई सुझाव भी दिये तथा सभी तरह की अनुमतियों के लिये सिंगल विण्डो सिस्टम बनाने की जरूरत बताई गई ।
◆ मरीजों की सुरक्षा में खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि मरीजों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले निजी अस्पतालों के विरुद्ध प्रशासन अपनी ओर से सख्त कार्यवाही करेगा ही, लेकिन निजी नर्सिंग होम एसोसिएशन और आईएमए को भी ऐसे अस्पतालों पर कार्यवाही करनी होगी ।उन्होंने कहा कि न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुई दुर्घटना को देखते हुये नर्सिंग होम एसोसिएशन एवं आईएमए को ऐसे अस्पतालों की सदस्यता को समाप्त करने की कार्यवाही करनी चाहिये ।
कलेक्टर ने बैठक में प्रोविजनल फायर एनओसी की अवधि समाप्त होने के बाद टेम्परेरी फायर एनओसी के लिये आवेदन करने वाले अस्पतालों के फायर प्लान की जांच करने के निर्देश नगर निगम को दिये हैं । उन्होंने कहा कि फायर प्लान की जाँच में पाई गई कमियों को दूर करने के बाद ही अस्पतालों को टेम्परेरी फायर एनओसी जारी की जाएगी । यदि कमियों को दूर नहीं किया जाता है तो ऐसे अस्पतालों का पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही भी होगी ।
डॉ इलैयाराजा ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों से कराई जा रही जांच में मिली कमियों को अस्पतालों को दूर करने कहा जायेगा । इसके बाद स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, नगर निगम एवं विद्युत सुरक्षा विभाग की सयुंक्त टीम बनाकर निजी अस्पतालों का निरीक्षण करेगी । इस निरीक्षण के दौरान यदि कमियां यथावत पाई जाती हैं तो उनके लायसेंस निरस्त कर दिये जायेंगे ।
कलेक्टर ने बैठक में बताया कि निजी अस्पतालों में सुरक्षा के लिहाज से क्या-क्या कदम उठाए जाने जरूरी है, इस दिशा और क्या किया जा सकता है तथा बेस्ट प्रेक्टिसेस को लेकर एक पुस्तिका भी तैयार की जाएगी और असप्ताल संचालको को दी जाएगी । कलेक्टर ने कहा कि जबलपुर में भी कुछ अस्पताल ऐसे हैं जहां बेस्ट प्रेक्टिस अपनाई जा रही है । दूसरे अस्पतालों को इन अस्पतालों का भ्रमण कराया जायेगा ।
◆ ये रहे उपस्थित
कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई इस बैठक में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ जीतेन्द्र जामदार, नगर निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ, जिला पंचायत की सीईओ सलोनी सिडाना, अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा, सयुंक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ संजय मिश्रा, डॉ राजेश धीरावाणी, सौरभ बड़ेरिया तथा सभी निजी अस्पतालों के संचालक एवं प्रबंधक मौजूद थे । बैठक के प्रारम्भ में न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुई अग्निदुर्घटना में मृत व्यक्तियों को दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी गई ।