शब्दों में नहीं बंधा जा सकता, महान गुरुओं की गौरव गाथा को : आचार्य विद्यासागर महाराज
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने संकल्पित पूजन किया
मप्र/जबलपुर/ संस्कारधानी की पावन धरा को पवित्र करनेे पधारे एवं दयोदय तीर्थ गौशाला में चातुर्मास हेतु विराजमान राष्ट्र संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरु ज्ञान सागर महाराज जी की जय कारा से सुवचन प्रारंभ करते हुए कहा कि जिस तरह दूध से घी निकाला जाता है , दूध से प्रथक घी ऊपर इसलिए आ जाता है क्योंकि वह दूसरे के संपर्क में शुद्ध हो जाता है, यदि एक कटोरा घी पर 10- 20 किलो दूध भी रख दिया जाए फिर भी दूध नीचे ही रह जाता है और उस दूध के ऊपर घी रहता है , दूध से पृथक होने पर भी धी- दूध को पीड़ा नहीं देता, संघर्ष नहीं करता, दूध यह कह सकता है कि मेरे ऊपर आप क्यों बैठे हो, धी का कहना है कि मेरा आज तक का जीवन इसी दूध में रहा है जब तक दूध में रहूंगा मेरा अस्तित्व दूध ही होगा होगा, सुगंधी भी दूध में नहीं होती धी में ही होती है आरती भी दूध से नहीं जलाई जा सकती गुणवत्ता बढ़ने पर घी से ही आरती उतारी जाती है ।
धन्य है ऐसे गुरु और उनकी गौरव गाथा , महान गुरुओं की गौरव गाथा शब्दों में नहीं लिखी जा सकती गुरु भी बिना कष्ट दिए बिना किसी को आहत किये शिष्यों का निर्माण करते हैं। तभी तीन लोगों में उनकी गौरव गाथा गाई जाती है और उसी को गुरु कहते हैं कोई भी गुरु बनता है तो गुरु बनता है तो पहले शिष्य होता है फिर गुरुत्व को प्राप्त करता है ।
मानव सन्मार्ग को बताने वाला गुरु कभी छाती पर हाथ रखकर नहीं कहता कि मैंने तेजस्वी शिष्यों का निर्माण किया है , उसी तरह जिस तरह दूध बस घी को गुण युक्त बनाकर अपने से प्रथक कर देता है गुरु गुणों की खान होती है ऐसी साधना ऐसे साधक और ऐसी साधना करने वालों की प्रशंसा करने वालों को हम हमेशा याद रखते हैं।
दयोदय तीर्थ में प्रातः केंद्रीय जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के ट्रस्टी आलोक जैन, केंद्रीय जल शक्ति सचिव राहुल जैन, ममलेश शर्मा, राजकुमार सिंह , प्रतिज्ञा पटेल ने आचार्य श्री से गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आशीर्वाद प्राप्त किया।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि आज गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु आशीर्वाद प्राप्त कर मैं धन्य हुआ। आचार्य श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य डॉक्टर सुहास शाह मुम्बई एवं शीतल दोषी पूना को प्राप्त हुआ ।
दिगंबर जैन संरक्षणी सभा की ओर से श्रीफल अर्पित कर आचार्य श्री से जबलपुर में ही चातुर्मास का निवेदन किया गया।
आचार्य श्री की आहार चर्या का सौभाग्य जैन पंचायत सभा के अध्यक्ष कैलाश चंद , सौरभ जैन नन्नू को प्राप्त हुआ